पखांजूर (पब्लिक फोरम)। पखांजूर नगर पंचायत में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों को पिछले 10 वर्षों से ईएसआई कार्ड नहीं दिए गए हैं। इस गंभीर मामले में नगर पंचायत के अधिकारियों पर कर्मचारी हितों की अनदेखी करने के साथ-साथ संदिग्ध गतिविधियों का आरोप लग रहा है। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय कर्मचारी यूनियन ने स्पष्ट मांग की है कि अधिकारी बचाव के बयान देना बंद कर पहले कर्मचारियों को उनके कानूनी हक का ईएसआई कार्ड वितरित करें।
गौरतलब है कि यूनियन ने हाल ही में जिलाधीश को एक शिकायत भेजकर इस मामले में संभावित आर्थिक घोटाले की ओर इशारा किया था। इसी शिकायत के बाद कांकेर और अंतागढ़ जैसे निकायों में कर्मचारियों को ईएसआई कार्ड दिए गए हैं। याद रहे कि ईएसआई कार्ड न वितरण की शिकायत पर ही कांकेर नगर पालिका में ‘कलमी सर्विसेज’ का ठेका पिछले वर्ष रद्द किया गया था।
यूनियन नेताओं ने बताया ईएसआई के लाभ, कहा- कर्मचारी हक से वंचित
नगर पंचायत अधिकारी के एक प्रेस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय कर्मचारी यूनियन के राज्य अध्यक्ष द्वारका कोसरिया और महासचिव भाव सिंह कश्यप ने कहा कि ईएसआई कार्ड न मिलने से कर्मचारियों को गंभीर नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्ड से कर्मचारियों व उनके परिवार को मुफ्त इलाज मिलता है, गर्भवती महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का पेड मैटरनिटी लीव मिलता है, सेवा में मृत्यु होने पर आश्रितों को आजीवन पेंशन मिलती है और सेवानिवृत्ति के बाद भी कर्मचारी व पत्नी को चिकित्सा लाभ मिलता है।
नेताओं ने सीधे तौर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “कर्मचारी इन सभी सुविधाओं से वंचित हैं और इसके लिए पूरी तरह सीएमओ जिम्मेदार हैं। वे अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकते। उन्हें जवाब देना चाहिए कि आखिर कार्ड वितरित क्यों नहीं किए गए?”
घोटाले का आरोप, यूनियन ने दिया यह तर्क
ईएसआई नियमों के अनुसार, कर्मचारी के वेतन का 0.75% अंशदान कर्मचारी का और 3.25% नियोक्ता का होता है। यूनियन ने आशंका जताई है कि पखांजूर में एक भी कर्मचारी को कार्ड न मिलना भ्रष्टाचार का संकेत है। उनका सवाल है कि अगर अंशदान जमा हुआ है, तो कार्ड क्यों नहीं दिए गए? और अगर नहीं जमा हुआ, तो फिर वह राशि गई कहां?
‘पहले कार्ड दें, फिर अखबार में सफाई दें’
यूनियन नेताओं ने सीएमओ को सलाह दी है कि वे अखबारों में स्पष्टीकरण प्रकाशित कराने से पहले कर्मचारियों को ईएसआई कार्ड वितरित करें। उन्होंने कहा, “जब कार्ड वितरित होगा, तभी कर्मचारी ऑनलाइन जांच कर वास्तविकता जान पाएंगे। सीएमओ का यह बयान कि ‘कर्मचारी ऑनलाइन जांच कर लें’, भ्रमित करने वाला है। कार्ड ही नहीं है तो जांच कैसे करेंगे? इस बयान से यूनियन के संदेह को ही बल मिलता है।”
नेताओं ने जोर देकर कहा कि सीएमओ का बयान यह साबित नहीं करता कि घोटाला नहीं हुआ है। यूनियन द्वारा लगाया गया आरोप अब एक जांच का विषय है और केवल निष्पक्ष जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा। उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है ताकि एक दशक से जूझ रहे कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल सके।





Recent Comments