धमतरी (पब्लिक फोरम)। संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हो रहे हमलों के विरोध में धमतरी में मूलनिवासी संघ ने एक विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया। बारिश के बावजूद, सैकड़ों लोग मंगलवार को हाथों में तख्तियां लिए सड़कों पर उतरे और शांति तथा सद्भाव का संदेश दिया। रलाबांधा चौक से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गांधी मैदान तक पहुंची इस रैली के बाद एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें संघ ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
रैली और सभा को संबोधित करते हुए मूलनिवासी संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत पटेल ने कहा कि संविधान सभी को अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने की स्वतंत्रता देता है, लेकिन समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो अशांति फैला रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, अन्यथा शहर की शांति भंग हो सकती है।

क्रिश्चियन समाज के प्रतिनिधियों, डायमंड फिलिप और स्जिनाल्ड पीटर ने इस अवसर पर कहा कि प्रार्थना सभाओं में कभी भी धर्मांतरण की बात नहीं होती, बल्कि लोग प्रेम, शांति और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग बार-बार प्रार्थना सभाओं में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर तोड़फोड़ व मारपीट कर रहे हैं।
मूलनिवासी संघ के कार्यकर्ताओं ने विशेष रूप से बठेना अस्पताल में हुई घटनाओं का उल्लेख किया, जिसे वे क्षेत्र की लाइफलाइन बताते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई प्रार्थना सभाओं में हुई मारपीट और अपशब्दों की घटनाओं ने मूलनिवासी मसीही समाज में गहरा आक्रोश पैदा किया है। यह विरोध उन घटनाओं के जवाब में था जहां कथित तौर पर प्रार्थना सभाओं को बाधित किया गया और हिंसा की गई।

संगठन के सदस्यों ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में ऐसी 834 घटनाएं देखी गईं, जो साल 2023 की तुलना में 100 अधिक हैं। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ इस तरह की घटनाओं में दूसरे स्थान पर रहा है, जहां मूलनिवासी ईसाइयों पर हमले की घटनाएं सर्वाधिक देखी गई हैं।
इस रैली में मूलनिवासी संघ के रशीद खत्री, सलीम तिगाला, आकाश गोलछा, कल्याण निर्मलकर, पालनहार मेश्राम, अफजल अली, लकी रजा, योगेश लाल, तारिक रजा, अशरफ रोकड़िया, अवैश हाशमी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ज्ञापन के माध्यम से अत्याचार रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की मांग की गई।
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