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गुरूवार, सितम्बर 11, 2025
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कोरबा में मसीही समाज का आक्रोश: “धर्मांतरण के झूठे आरोप में प्रताड़ना बंद हो”, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़/कोरबा (पब्लिक फोरम)। अपने पूजा स्थलों पर हो रहे हमलों और धर्मांतरण के झूठे आरोपों के तहत की जा रही प्रताड़ना के खिलाफ छत्तीसगढ़ के मसीही समाज का गुस्सा सड़क पर उतर आया। कोरबा में सैकड़ों की संख्या में मसीही समुदाय के लोगों ने शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करते हुए अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। समुदाय ने चर्चों और प्रार्थना सभाओं में हो रही तोड़फोड़, मारपीट और दुर्व्यवहार के विरोध में राज्यपाल के नाम कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने की मांग की गई है।

इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। घंटाघर से लेकर सुभाष चौक और कोसाबाड़ी तक भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

संविधान के साये में एक दर्द भरी गुहार

प्रदर्शन में शामिल लोगों के चेहरे पर दर्द और चिंता साफ झलक रही थी। उनका कहना था कि भारत का संविधान सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है, लेकिन उन्हें इस मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है। कोरबा क्षेत्र वेलफेयर एसोसिएशन समिति की अध्यक्ष रेवरेंड सीमा गोस्वामी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “भारतीय संविधान ने हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार पूजा, प्रार्थना और आराधना करने का मौलिक अधिकार दिया है। हम केवल उसी का पालन कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि कोरबा समेत प्रदेश के अन्य जिलों में जब भी मसीही समाज के लोग चर्च या किसी घर में प्रार्थना सभा आयोजित करते हैं, तो कुछ असामाजिक तत्व वहां हंगामा करने पहुंच जाते हैं। श्रीमती गोस्वामी ने कहा, “ये लोग न केवल प्रार्थना में बाधा डालते हैं, बल्कि लोगों के साथ गाली-गलौज और मारपीट तक करते हैं। धर्मांतरण का झूठा आरोप लगाकर हमें निशाना बनाया जा रहा है। हम इस तरह के अत्याचार की कड़ी निंदा करते हैं और शासन से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हैं।”

भीम आर्मी का मिला समर्थन

मसीही समाज के इस दर्द और संघर्ष में उन्हें भीम आर्मी का भी साथ मिला। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े अपने समर्थकों के साथ सुभाष चौक पहुंचे और प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान दुनिया में सबसे श्रेष्ठ है, जो हमें एक धर्मनिरपेक्ष देश में बराबरी से रहने का अधिकार देता है। हम सब आजाद भारत के नागरिक हैं, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व जाति और धर्म के नाम पर लोगों से उनकी आजादी छीनने की कोशिश कर रहे हैं।”

जांगड़े ने आगे कहा कि धर्मांतरण की आड़ में विशेष रूप से मसीही समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भीम आर्मी इस तरह के किसी भी अन्याय का पुरजोर विरोध करती है और मसीही समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

प्रदेश में बढ़ती घटनाएं और चिंता

यह विरोध प्रदर्शन किसी एक घटना का परिणाम नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में हाल के महीनों में मसीही समुदाय के खिलाफ बढ़ी हिंसा और हमलों की एक कड़ी है। प्रदेश में कई जगहों पर प्रार्थना सभाओं को जबरन रोकने और पादरियों व श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की खबरें सामने आई हैं। आलोचकों का कहना है कि धर्मांतरण के आरोपों की निष्पक्ष जांच के बिना एक पूरे समुदाय को निशाना बनाना सामाजिक सौहार्द के लिए एक गंभीर खतरा है। प्रदर्शनकारियों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगा और प्रदेश में शांति और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करेगा ताकि वे बिना किसी भय के अपने धर्म का पालन कर सकें।

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