कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी बिलासपुर के निर्देशानुसार, दिनांक 01 जुलाई 2024 से लागू तीन नए कानूनों – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में जिला स्तर के लोक अभियोजकों और वकीलों की कार्य क्षमता में वृद्धि के लिए आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का आयोजन एडीआर भवन, जिला न्यायालय कोरबा में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सत्येन्द्र कुमार साहू के कुशल मार्गदर्शन और निर्देशन में किया गया। इसमें श्री जयदीप गर्ग, विशेष न्यायाधीश (एस्ट्रोसिटीज एक्ट), जिला अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति अग्रवाल, श्री कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, सिविल जज श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के अध्यक्ष श्री गणेश कुलदीप और वरिष्ठ अधिवक्तागण की गरिमामयी उपस्थिति रही।
श्री सत्येन्द्र कुमार साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुराने कानूनों की न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण न्याय मिलने में विलंब होता था, जिससे नागरिक कोर्ट जाने से हिचकते थे। इन कमियों को दूर करने के लिए नए कानून बनाए गए हैं, जिनमें सभी मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। इससे पक्षकारों और पीड़ितों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा और न्यायिक प्रक्रिया में होने वाले विलंब में कमी आएगी। अधिवक्ताओं को नए कानून की जानकारी से उनके ज्ञान में वृद्धि होगी।
श्री जयदीप गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि नए कानूनों में धारा 498 का प्रावधान उन्हें अच्छा लगा। 10-15 वर्ष पहले धारा 498 में अनेक लोगों को अभियुक्त बना लिया जाता था और न्यायालय को पुनर्विचार करने का अधिकार नहीं होने के कारण पक्षकारों को उच्च न्यायालय जाना पड़ता था। नए कानूनों में इन कमियों को दूर किया गया है।
श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के संबंध में, श्री कृष्ण कुमार सूर्यवंशी ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में, और श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के अध्यक्ष श्री गणेश कुलदीप, क्रीड़ा सचिव श्री लक्ष्मण प्रसाद पटेल, लोक अभियोजक श्री रोहित राजवाड़े, ए.डी.पी.ओ. श्री पी.एस. ध्रुव, और अन्य अधिवक्तागण भी उपस्थित थे। कार्यशाला को सफल बनाने में प्रशासनिक अधिकारी श्री पी.के. देवांगन, डॉ. विनोद कुमार भास्कर, न्यायालय प्रबंधक श्री बालकृष्ण पटेल, सहायक प्रोग्रामर श्री खगेन्द्र प्रधान, डॉटा एंट्री ऑपरेटर दिनेश टेंगनवार, और अन्य न्यायालयीन कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने नए कानूनों के महत्व और उनकी प्रभावशीलता पर गहन चर्चा की, जिससे उनकी समझ और कार्यक्षमता में वृद्धि हुई।
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