गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लंबित मांगों को लेकर कोरबा में एक दिवसीय हड़ताल: सुविधाओं और अधिकारों की लड़ाई में उठी आवाज

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आवाज बुलंद की है। 8 नवंबर 2024 को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के निर्देश पर जिलेभर में एक दिवसीय हड़ताल और धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। आईटीआई मार्ग स्थित तानसेन चौक पर जिला प्रशासन को सूचित कर प्रदर्शन की अनुमति ली गई है।
मूलभूत सुविधाओं की मांग पर जोर
कोरबा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष श्रीमती वीणा साहू ने प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपे गए अपने ज्ञापन में कहा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत महिलाएं, जो समाज की सेवा में निरंतर कार्यरत हैं, उनके लिए आवश्यक सुविधाएं और मानदेय आज पर्यन्त प्राप्त नहीं हो सके हैं। इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जिले के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों में यह प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

दशकों से लंबित मांगें
नियमितीकरण की मांग:
छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों, शिक्षा कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों जैसे अन्य पंचायत कर्मियों को सरकार द्वारा नियमित कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया गया है। लेकिन 50 साल से सेवा कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अब तक मानसेवी के रूप में ही काम कर रही हैं। उनकी मांग है कि उन्हें नियमित कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
जीने लायक वेतन
सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलने तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 21,000 रुपये और सहायिकाओं के लिए 17,850 रुपये मासिक वेतन की मांग की गई है। साथ ही, वर्तमान मानदेय में 85% हिस्सा सहायिकाओं के लिए भी स्वीकृत किए जाने की बात कही गई है।

सेवानिवृत्ति पश्चात पेंशन और ग्रेज्युटी
35-40 वर्षों की सेवा के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पेंशन या एकमुश्त राशि नहीं मिलती। इसलिए, वे 10,000 रुपये मासिक पेंशन और 5 लाख रुपये ग्रेज्युटी की मांग कर रही हैं, वहीं सहायिकाओं के लिए 8,000 रुपये मासिक पेंशन और 4 लाख रुपये ग्रेज्युटी का प्रस्ताव है।
समूह बीमा योजना लागू करना
भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समूह बीमा योजना (GIS) का लाभ दिया जाए और इसके लिए उचित नीति बनाई जाए।
अनुकम्पा नियुक्ति की मांग
कार्यकर्ता या सहायिका की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की गई है।
महंगाई भत्ता
मानदेय में महंगाई भत्ता जोड़ने और महंगाई के अनुसार इसे स्वीकृत किए जाने का आग्रह किया गया है।
पदोन्नति में छूट
वर्षों से अल्प मानदेय पर काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति में उम्र और 50% की सीमा हटाने की मांग है। वे चाहती हैं कि बिना उम्र सीमा के वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाइजर के पदों पर नियुक्ति मिले।
सहायिकाओं के लिए पदोन्नति
सहायिकाओं के लिए भी कार्यकर्ता पद पर शत-प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की मांग है ताकि उन्हें भी कार्यकर्ता का दर्जा मिल सके।
सुविधाओं का विस्तार
आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस सिलेंडर और चूल्हे की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, जिससे कार्यकर्ता और सहायिकाओं को रोजाना के काम में सुविधा मिले।

बढ़ती महंगाई और दबाव से जूझती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे वर्तमान में आर्थिक और मानसिक दबाव का सामना कर रही हैं। सरकारी काम के अलावा कई अन्य कार्यों में भी उन्हें लगाया जा रहा है, जिससे उनकी विभागीय जिम्मेदारियों में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी मांगों का जल्द ही समाधान निकाला जाएगा और सरकार उनकी कठिनाईयों को समझकर उचित कदम उठाएगी।

आखिरकार, क्या मिलेगा न्याय?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की ये मांगें दशकों से लंबित हैं और अब उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ अपनी आवाज बुलंद की है। यह देखना होगा कि सरकार उनके लिए क्या कदम उठाती है और क्या इस संघर्ष का अंत उन्हें न्याय और उनका हक दिला पाएगा?

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