कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा के बालको नगर स्थित एमजीएम अंग्रेजी माध्यम स्कूल में केरल का पारंपरिक त्योहार ओणम बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्री-प्राइमरी बच्चों ने केरल के रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी प्रस्तुति देकर माहौल को और भी रंगीन और आनंदमय बना दिया।
ओणम त्योहार राजा बलि के त्याग और उनकी महानता की याद में मनाया जाता है। माना जाता है कि राजा बलि ने अपने वचनों को निभाने के लिए न केवल अपना राज्य, बल्कि अपना सबकुछ त्यागकर पाताल लोक चले गए थे। इसी ऐतिहासिक घटना को दर्शाते हुए बच्चों ने राजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार का रूप धारण कर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
त्योहार के अवसर पर बच्चों ने घर से फूलों की पंखुड़ियां लाकर मिलकर ‘पुलकम’ नामक रंगोली बनाई, जो समानता, सहयोग और सद्भावना का प्रतीक है। इसके बाद, सभी बच्चों ने केले के पत्ते पर पारंपरिक भोजन ग्रहण कर कार्यक्रम का समापन किया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य फॉदर जोसेफ सन्नी जॉन ने सभी को ओणम की शुभकामनाएं दीं और इस त्योहार की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और सभी छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।ओणम के इस उत्सव ने बच्चों को केरल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं से रूबरू कराया। त्योहार के दौरान बच्चों में न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इतिहास और त्याग की भावना जागृत हुई, बल्कि ‘पुलकम’ रंगोली बनाने जैसी गतिविधियों से सहयोग और समानता का संदेश भी प्रभावी रूप से दिया गया। इस आयोजन ने बच्चों में सामूहिकता और भारतीय संस्कृति की विविधता का अनुभव भी गहराई से उतारा।
ओणम के इस उत्सव ने बच्चों को केरल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं से रूबरू कराया। त्योहार के दौरान बच्चों में न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इतिहास और त्याग की भावना जागृत हुई, बल्कि ‘पुलकम’ रंगोली बनाने जैसी गतिविधियों से सहयोग और समानता का संदेश भी प्रभावी रूप से दिया गया। इस आयोजन ने बच्चों में सामूहिकता और भारतीय संस्कृति की विविधता का अनुभव भी गहराई से उतारा।
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