नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। ओम बिरला ने एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपना स्थान सुनिश्चित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सहयोगी दलों द्वारा समर्थित, बिरला को सर्वसम्मति से इस प्रतिष्ठित पद के लिए चुना गया।
18वीं लोकसभा के उद्घाटन सत्र में, बिरला ने औपचारिक रूप से अध्यक्ष का पद संभाला। इस ऐतिहासिक क्षण को प्रधानमंत्री मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति ने और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिरला के दोबारा चुने जाने को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत बताया। उन्होंने कहा, “अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण समय में आपका दूसरी बार इस पद पर आसीन होना एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमें विश्वास है कि आप आगामी पांच वर्षों में हम सबका मार्गदर्शन करेंगे।”
मोदी ने आगे कहा, “बिरला के नेतृत्व में, इस सदन ने ऐसे कार्य संपन्न किए हैं जो स्वतंत्रता के 70 वर्षों में भी नहीं हो पाए थे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि लोकसभा की उपलब्धियां राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगी।”
विपक्ष की ओर से बोलते हुए, राहुल गांधी ने सरकार के साथ सहयोग की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हालांकि सरकार के पास अधिक राजनीतिक शक्ति है, विपक्ष भी भारत का प्रतिनिधित्व करता है। हमें आशा है कि आप हमारी आवाज को दबाए बिना उठने देंगे।”
गांधी ने यह भी कहा, “यह चुनाव दर्शाता है कि देश की जनता संविधान की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। हम विपक्षी दल जनता के समर्थन का प्रतिनिधित्व करेंगे और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे।”
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव सहित अन्य सांसदों ने भी बिरला को उनके पुनर्निर्वाचन पर बधाई दी, जो सदन में व्यापक समर्थन का प्रतीक है।
बिरला का दूसरी बार चुना जाना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय संसदीय प्रणाली में निरंतरता और स्थिरता का भी प्रतीक है। उनके नेतृत्व में, 18वीं लोकसभा से महत्वपूर्ण विधायी कार्य और गहन विचार-विमर्श की अपेक्षा की जाती है।
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