नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बताया है कि वेदांता रिसोर्सेज के गुजरात में चिप निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्तावित 20 अरब डॉलर के निवेश का कंपनी के क्रेडिट प्रोफाइल पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि उन्होंने गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिए 1.54 ट्रिलियन या लगभग 20 बिलियन डॉलर के अनुमानित निवेश के साथ हाथ मिलाया है। वेदांता-फॉक्सकॉन के 60:40 संयुक्त उद्यम ने गुजरात के अहमदाबाद में सेमीकंडक्टर फैब यूनिट, डिस्प्ले फैब यूनिट और सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद नहीं है कि वोल्कन इस निवेश के लिए वेदांता से कोई नकदी निकालेगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कौस्तुभ चौबल ने कहा, इस उम्मीद से किसी भी तरह का विचलन, जैसे कि वेदांता का इस्तेमाल वोल्कन के लिए फाइनेंसिंग व्हीकल के रूप में किया जाता है, कंपनी की कमजोर लिक्विडिटी प्रोफाइल पर असर डालेगा और इसकी बी 2 नेगेटिव कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग पर दबाव डालेगा।
वेदांता लिमिटेड ने गत गुरुवार को स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित गुजरात निवेश सूचीबद्ध भारतीय इकाई के तहत नहीं होगा, लेकिन होल्डिंग कंपनी वॉल्कन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
भारतीय इकाई ने कहा है कि “हम दोहराते हैं कि अर्धचालक निर्माण का प्रस्तावित व्यवसाय वेदांता लिमिटेड के तहत नहीं है और हम समझते हैं कि यह वेदांता लिमिटेड, वॉल्कन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड की अंतिम होल्डिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा।”
वेदांता लिमिटेड के पास वेदांता रिसोर्सेज का बहुमत है, जबकि अनिल अग्रवाल का पारिवारिक ट्रस्ट वॉल्कन दोनों संस्थाओं का अंतिम अभिभावक है।
20 अरब डॉलर की चिप परियोजना के बाद वेदांता के क्रेडिट प्रोफाइल पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
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