गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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नीतीश कुमार का नरेंद्र मोदी को स्पष्ट संदेश: सरकार गठन में तेजी लाएं!

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को इस बार के लोकसभा चुनाव में 12 सीटें मिली हैं। सीटों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी स्थिति किंगमेकर की तरह बना ली है।

लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल 7 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे, जहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो नरेंद्र मोदी जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता होंगे।

इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार गठन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें। एनडीए की बुधवार को हुई बैठक में सरकार बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें एनडीए के सहयोगी दलों को विभिन्न मंत्रालयों का वितरण करने पर भी विचार किया गया। खबरें हैं कि टीडीपी और जेडीयू ने गृह, रक्षा, वित्त, और रेल जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग रखी है।
एनडीए की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, “जल्दी कीजिए। सरकार बनाने में देरी नहीं होनी चाहिए। हमें इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।” उनके इस बयान से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संतुष्ट होगी, क्योंकि यह नीतीश कुमार के एनडीए के प्रति प्रतिबद्धता का बड़ा संकेत है। बैठक में एनडीए के सभी सहयोगियों ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। एनडीए के 21 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव में लिखा गया है, “हमने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है।”
बैठक में नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जेडीयू नेता लल्लन सिंह और संजय झा उपस्थित थे। एनडीए की इस बैठक में सभी की निगाहें जेडीयू के नीतीश कुमार और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू पर टिकी थीं, जो इस बार सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस चुनाव में टीडीपी ने आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 16 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू ने बिहार की 40 में से 12 सीटें जीतीं। भाजपा इस बार केवल 240 लोकसभा सीटों पर जीत के साथ बहुमत से पीछे रह गई है। सहयोगी दलों की मदद से एनडीए ने 293 सीटें हासिल की हैं और बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। 

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