रायपुर (पब्लिक फोरम)। आखिरकार 32 दिनों से चली आ रही अनिश्चितता खत्म हुई और छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं ने राहत की सांस ली। प्रदेश के हजारों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों ने अपनी प्रदेशव्यापी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी है। यह फैसला शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल की सकारात्मक बातचीत के बाद आया। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के इस निर्णय को राज्यहित में एक सराहनीय कदम बताते हुए इसका स्वागत किया है।
जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में कर्मचारी संघ ने अपनी प्रमुख मांगें पूरी होने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “जनता का स्वास्थ्य हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर कर्मचारी सरकार के परिवार का हिस्सा है और उनकी जायज मांगों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार किया गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि कर्मचारियों और सरकार के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और भी मजबूत होंगी।
इन मांगों पर बनी सहमति, लौटा काम पर विश्वास
लगभग एक महीने से अधिक समय से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत NHM कर्मचारियों की कई प्रमुख मांगों पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों की चार प्रमुख मांगों को पूरा कर दिया है, जिनमें वेतन वृद्धि, 30 दिन का मेडिकल अवकाश, 10 लाख रुपये का बीमा और कार्य मूल्यांकन (CR) प्रणाली में पारदर्शिता शामिल है।इसके अतिरिक्त, तीन अन्य मांगों, जिनमें ग्रेड पे का निर्धारण और अनुकंपा नियुक्ति शामिल है, पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया गया है। वहीं, संविलियन और पब्लिक हेल्थ कैडर जैसी मांगों पर केंद्र सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाना है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी हड़ताल समाप्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों ने जनता के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि हड़ताल की अवधि के दौरान बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की बहाली के लिए भी आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
एक महीने की पीड़ा के बाद लौटी मुस्कान
बीते 18 अगस्त से चल रही इस हड़ताल के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्वास्थ्य केंद्रों और प्रयोगशालाओं में कामकाज ठप हो गया था, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर “जेल भरो आंदोलन” जैसे कड़े कदम भी उठाए और कुछ को बर्खास्तगी का भी सामना करना पड़ा। लेकिन अब, हड़ताल समाप्ति की घोषणा के साथ, 20 सितंबर से सभी 16,000 से अधिक NHM कर्मचारी अपने काम पर लौट आए हैं, जिससे उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाएं जल्द ही पूरी तरह से पटरी पर आ जाएंगी।
यह सुखद अंत सरकार की संवेदनशीलता और कर्मचारी संघ के सकारात्मक दृष्टिकोण का परिणाम है, जिसने प्रदेश की जनता को एक बड़ी राहत दी है।










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