शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024
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नराईबोध गोलीकांड की 27वीं बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम और कार्यशाला: अधिकारों की लड़ाई में जागरूकता की नई पहल

नराईबोध गोलीकांड की बरसी पर अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला आयोजित

कोरबा (पब्लिक फोरम)। नराईबोध गोलीकांड की 27वीं बरसी और भूविस्थापित एकजुटता दिवस के अवसर पर, जमीन अधिग्रहण और पुनर्वास नीतियों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कटघोरा विधायक प्रेम चंद पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

श्रद्धांजलि और कार्यशाला की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत गोपाल दास फिरतु दास के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके पश्चात कार्यशाला के प्रशिक्षक सुश्री बिपाशा पाल और एस.आर. नंदी ने भूमि अधिग्रहण के लिए भारत में प्रचलित विभिन्न अधिनियमों की जानकारी दी और अर्जन की पूरी प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया।

भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास की नई नीतियां

प्रशिक्षकों ने बताया कि स्वतंत्रता पूर्व बनाए गए अधिनियमों को आजाद भारत में अपनाए जाने के बाद, 2013 के भू-अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम की व्यापक जानकारी दी गई। उन्होंने कोरबा जिले में 2010 में लागू कोल इंडिया पॉलिसी को गैर वैधानिक बताते हुए, नए कानून 2013 के तहत पुनर्वास और सुविधाओं के लिए संगठित होने का आह्वान किया।

कानूनी चुनौतियां और अधिकार

प्रशिक्षकों ने बताया कि कोयला खदानों के लिए भूमि अर्जन में नए अधिनियम के कारण आने वाली अड़चनों और ग्राम सभा के अधिकारों से वंचित करने कोल बेयरिंग एक्ट के तहत अर्जन किया जाता है, जिसके खिलाफ कानूनी लड़ाई की आवश्यकता है।

विधायक का संदेश

विधायक प्रेमचंद पटेल ने कार्यशाला के अंत में संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला में शामिल होकर बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए ऐसे आयोजन निरंतर होने चाहिए। उन्होंने जिला पुनर्वास समिति की बैठक के लिए विस्तृत ड्राफ्ट तैयार करने और जिला प्रभारी मंत्री से मुलाकात कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

कार्यशाला का उद्देश्य

इस कार्यशाला का आयोजन जिला पुनर्वास समिति की संभावित बैठक को ध्यान में रखते हुए किया गया, जिसका उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों और आमजन को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। भू-अर्जन के विभिन्न अधिनियम, पुनर्वास नीतियां, और जिला पुनर्वास समिति के कार्यों से अनभिज्ञ होने के कारण, भूविस्थापित अपनी बातों को सही ढंग से रख नहीं पाते या उन्हें अवसर ही नहीं मिलता।

ग्रामीणों के अधिकार और समस्याएं

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि कोरबा जिला पांचवीं अनुसूची में शामिल है, जिसमें ग्राम सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं। किंतु औद्योगिक विकास के लिए प्रोजेक्ट स्तर पर संबंधित ग्रामवासियों को बिना जानकारी के फैसले लिए जा रहे हैं, जिससे विस्थापन, रोजगार, बसाहट, मुआवजा जैसी बुनियादी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कार्यशाला के माध्यम से इन सभी विषयों पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।

कार्यशाला के सफल आयोजन में योगदान

कार्यशाला के सफल आयोजन में विजय पाल सिंह तंवर, रुद्र दास महंत, दीपक यादव, अनुसुइया राठौर, बसंत कुमार कंवर, संतोष चौहान, ललित महिलांगे, जगदीश पटेल, कुलदीप सिंह राठौर, संतोष दास आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह कार्यशाला न केवल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में सहायक साबित हुई बल्कि आने वाले समय में कानूनी और सामाजिक संघर्ष को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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