कोरबा (पब्लिक फोरम)। गौ माता की रक्षा के लिए कोरबा यूनियन की जोरदार मुहिम का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। यूनियन द्वारा दिए गए ज्ञापन के बाद नगर निगम और बालको ने कांजी हाउस को पुनः चालू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह कदम शहर में लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कोरबा यूनियन ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि जब तक गौवंश की सुरक्षा का स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। यूनियन के सदस्य नियमित रूप से कांजी हाउस का निरीक्षण करेंगे ताकि वहां की व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, यूनियन ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अनुरोध किया है कि अन्य सामाजिक संस्थाओं को गौशाला खोलने के लिए आवश्यक भूमि या गौठान उपलब्ध कराई जाए। यह कदम गौ संरक्षण के प्रयासों को और अधिक व्यापक बनाने में मददगार साबित हो सकता है।
कोरबा यूनियन के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल विरोध करना नहीं है। हम चाहते हैं कि गौवंश की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ठोस और दीर्घकालिक उपाय किए जाएं। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकलता।”
यह पहल न केवल गौ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी बल्कि शहर की सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं की समस्या को भी हल करने में मदद करेगी। इससे शहर की सुंदरता और स्वच्छता में भी सुधार होने की उम्मीद है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया, “हम यूनियन की मांगों को गंभीरता से ले रहे हैं। कांजी हाउस को जल्द से जल्द चालू करने के लिए हम पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं। साथ ही, हम अन्य संस्थाओं को गौशाला खोलने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी विचार कर रहे हैं।”
यह पहल कोरबा में गौ संरक्षण के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है। आशा की जा रही है कि सरकार, प्रशासन और समाज के सहयोग से गौवंश की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक मजबूत व्यवस्था स्थापित की जा सकेगी।
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