कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में आयोजित अखिल भारतीय नृत्य, संगीत एवं ललित कला प्रतियोगिता में जैन पब्लिक स्कूल की संगीत शिक्षिका नीलिमा जायसवाल को ‘सर्वश्रेष्ठ गुरु’ के प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया। यह आयोजन नाट्य नर्तन कथक रॉकर्स अकादमी द्वारा किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों के प्रतिभाशाली कलाकारों ने भाग लिया।
नीलिमा जायसवाल, जो कोरबा के जैन पब्लिक स्कूल में संगीत शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं, अपनी प्रतिभा और शिक्षण में उत्कृष्टता के लिए जानी जाती हैं। वह अपने घर से नीलिमा स्वर साधना अकादमी का संचालन करती हैं, जहां सैकड़ों विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत और वादन की बारीकियां सीखते हैं। उनका समर्पण और मेहनत कोरबा जिले में संगीत के क्षेत्र में प्रेरणा का स्तंभ बन गया है।
कोरबा के छात्रों की चमक
इस प्रतियोगिता में नीलिमा जायसवाल की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया:
छायांक सिंह चन्द्रा ने एकल शास्त्रीय संगीत में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
रेयांश जायसवाल ने एकल तबला वादन में द्वितीय स्थान हासिल किया।
दक्षिता चन्द्रा ने एकल शास्त्रीय गायन में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपने गुरु और परिवार का नाम रोशन किया।
संगीत शिक्षा में योगदान का सम्मान
नीलिमा जायसवाल को ‘सर्वश्रेष्ठ गुरु’ का सम्मान उनके लंबे समय से संगीत शिक्षा में किए जा रहे अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया। यह पुरस्कार न केवल उनके अथक परिश्रम का प्रमाण है, बल्कि यह उनके छात्रों के प्रति उनके समर्पण को भी दर्शाता है।
सम्मान मिलने पर नीलिमा ने कहा, “संगीत एक साधना है, और इसे बच्चों तक पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है। यह पुरस्कार मेरे विद्यार्थियों की सफलता और उनके माता-पिता के विश्वास का प्रमाण है। संगीत हमारे जीवन को संयम, रचनात्मकता और उत्साह से भरता है।”
कोरबा के बालकोनगर में नीलिमा स्वर साधना अकादमी सैकड़ों बच्चों को संगीत की शिक्षा देकर उनके भविष्य को संवार रही है। इस सम्मान ने कोरबा के संगीत प्रेमियों के लिए गर्व का अवसर प्रदान किया है और आने वाले समय में और अधिक विद्यार्थियों को प्रेरित करेगा।
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