यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी और बिजली कटौती पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा
कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कोरबा प्रवास के दौरान आम जनता की समस्याओं पर केंद्र और राज्य सरकारों के साथ जिला प्रशासन से भी कड़े सवाल किए। सांसद ने यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी और रद्दीकरण के मुद्दे पर रेलमंत्री से गंभीर चर्चा करने की बात कही और इसे संसद में उठाने का संकल्प लिया।
सांसद महंत ने कहा, “कोयला लदान से सरकार को राजस्व प्राप्त हो रहा है, फिर भी यात्री ट्रेनों को 8-8 और 9-9 घंटे बिना कारण विलंब से चलाया जा रहा है। ट्रेनों के रद्द होने से टिकट रद्द कराने की नौबत ऐन वक्त पर आ रही है, जिससे जनता परेशान है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद रेल संबंधी समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हो रहा है?”
उन्होंने कोरबा को ‘मिनी भारत’ बताते हुए कहा कि यहां हर राज्य के लोग रहते हैं, फिर भी ट्रेनों की व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हो रहा है। सांसद महंत ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए पुनः रेलमंत्री से मिलकर प्रयास करने की बात कही। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 10 सांसदों को भी इस मुद्दे की गंभीरता समझने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बिजली कटौती पर कड़े सवाल
सांसद ने कोरबा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “शहर में बिजली की कटौती हो रही है और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से फोन आते हैं कि चार-चार दिन से बिजली नहीं है। बरसात के मौसम में बिजली नहीं होने से सांप और बिछू का डर बना रहता है।”
सांसद महंत ने कहा, “कांग्रेस की सरकार में पूरे समय बिजली मिलती थी और बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिल रहा था। लेकिन अब बिजली बिल भी बढ़ गए हैं और स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। आखिर दूसरों को बिजली देने वाले कोरबा के लोगों के साथ यह अन्याय क्यों हो रहा है? प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए।”
सांसद ने कोरबा के लोगों की ताप विद्युत परियोजनाओं के राखड़ और प्रदूषण जैसी समस्याओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के आसपास बसे लोगों को भी बिजली कटौती की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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