श्रमिकों के लिए शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करें: श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार श्रमिकों की भलाई के लिए विभिन्न पहल कर रही है। श्रमिकों को कार्यस्थल के पास सस्ते और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रायपुर, कोरबा और कुनकुरी में मॉडल श्रम अन्न केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि रायपुर के तेलीबांधा, कोरबा के नगर निगम बुधवारी टंकी और कुनकुरी में ये मॉडल श्रम अन्न केंद्र खोले जाएंगे। वर्तमान में 9 जिलों में 24 स्थानों पर श्रम अन्न केंद्र संचालित हो रहे हैं और इस योजना का विस्तार करते हुए 13 जिलों के 27 नए स्थानों पर श्रम अन्न केंद्र खोले जाएंगे।
इस संबंध में नवा रायपुर स्थित मंडल कार्यालय में हुई बैठक में श्रमायुक्त एवं सह-सचिव अलरमेल मंगई डी, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल की सचिव सविता मिश्रा, अपर श्रमायुक्त एस.एल. जांगड़े सहित श्रम विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
श्रम मंत्री ने निर्देश दिए कि असंगठित एवं निर्माण श्रमिकों का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए और योजना के लाभ के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों का मिलान कर पात्र श्रमिकों को लाभ प्रदान किया जाए। साथ ही, जिन श्रमिकों के दस्तावेजों में कमी या त्रुटि है, उन्हें पूर्ण करवाकर पंजीकरण और योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। खैरागढ़ जिले के अंतर्गत निरस्त किए गए आवेदनों की पुनः जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
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मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना भी संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक कुल 1534 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 927 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। जनवरी 2024 से मई 2024 तक भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 2,47,742 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 25,700 आवेदनों का निराकरण किया गया।
बैठक में श्रम मंत्री ने महतारी जतन योजना और नोनी-बाबू छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी पात्र श्रमिक परिवारों के बच्चों को इन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए। निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों और बच्चों के चयन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी दिए गए।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में कुल 6,386 कारखाने हैं, जिनमें से 922 को जोखिम श्रेणी में चिन्हित किया गया है। श्रम मंत्री ने अत्यधिक जोखिम श्रेणी के कारखानों के वार्षिक निरीक्षण, स्वीकृत नक्शों के अनुसार निर्माण और प्रशिक्षण की जांच करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, राज्य बीमा सेवाओं के अंतर्गत संचालित 42 औषधालयों में दवाओं की पर्याप्तता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए ताकि श्रमिकों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा “भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996” के तहत प्रदेश में निर्माण कार्यों पर शत-प्रतिशत उपकर की राशि वसूली करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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