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कोरबा में नई गाइडलाइन दरों पर भ्रामक खबरों का खंडन: प्रशासन ने दी सफाई

कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला कोरबा में हाल ही में प्रकाशित एक समाचार को लेकर प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी किया है। 05 दिसंबर 2025 को एक समाचार पत्र में “गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री बंद, शहर रजिस्ट्री खर्चा 1 से बढ़कर 3 लाख रुपए” शीर्षक से प्रकाशित खबर के संदर्भ में पंजीयन विभाग ने जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया है।

प्रशासन के अनुसार, “छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000” के प्रावधानों के अनुसार केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड, छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए स्थावर संपत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण संबंधी गाइडलाइन दरों को अनुमोदित कर 20 नवंबर 2025 से लागू किया गया है।

औद्योगिक जिले में दरों में संशोधन की आवश्यकता

जिला कोरबा औद्योगिक एवं खनिज संपदा से संपन्न जिला है। यहां अचल संपत्तियों के वास्तविक मूल्यों में प्रतिवर्ष उल्लेखनीय वृद्धि होती है। वर्ष 2018-19 के बाद से गाइडलाइन दरों में वृद्धि नहीं किए जाने से वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में असंतुलन उत्पन्न हो गया था।

इस असंतुलन को दूर करने के लिए पंजीयन विभाग ने वैज्ञानिक पद्धति से नगरीय क्षेत्रों के वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विकसित क्षेत्रों और सड़कों का अध्ययन किया। समान प्रकृति वाले क्षेत्रों का समूह बनाते हुए एकरूप दरें निर्धारित की गई हैं।

सरल और स्पष्ट गाइडलाइन का निर्माण

नगरीय क्षेत्रों में अनावश्यक शर्तों को हटाकर कम शर्तों के साथ अधिक स्पष्ट और सरल गाइडलाइन तैयार की गई है, ताकि नागरिक अपनी संपत्ति का बाजार मूल्य आसानी से समझ सकें।

रजिस्ट्री में अस्थायी रोक का कारण

0.05 एकड़ से कम रकबे वाले भूखंडों तथा हाईवे निर्माण हेतु प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण वाले क्षेत्रों की रजिस्ट्री प्रक्रियागत कारणों से अस्थायी रूप से रोकी गई है। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों से अपेक्षाकृत कम रजिस्ट्रियां प्राप्त हो रही हैं।

आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष 20 नवंबर 2024 से 05 दिसंबर 2024 के बीच कुल 207 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे। वहीं, वर्तमान वर्ष में 20 नवंबर 2025 से 05 दिसंबर 2025 की अवधि में नई गाइडलाइन लागू होने के बाद अब तक 184 दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है।

किसानों और जनता के हित में निर्णय

जिला कोरबा में पिछले 7-8 वर्षों से गाइडलाइन दरों में वृद्धि न होने को ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग ने विगत कई महीनों से विस्तृत अध्ययन कर गाइडलाइन दरों को किसानों एवं आम जनता के हित में तर्कसंगत और न्यायोचित बनाने का प्रयास किया है।

वर्ष 2018-19 की दरों को आधार बनाकर अनुपातिक गणना तथा वास्तविक प्रचलित बाजार मूल्यों का विश्लेषण करते हुए नई गाइडलाइन दरों को इस प्रकार समाहित किया गया है कि जनता एवं किसानों को उनकी संपत्ति (भूमि) के वास्तविक बाजार मूल्य के अनुरूप उचित लाभ प्राप्त हो सके।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नई गाइडलाइन दरें जनहित में हैं और इनका उद्देश्य संपत्ति मालिकों को उचित मूल्य दिलाना है।

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