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शुक्रवार, सितम्बर 12, 2025
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महिला सशक्तिकरण का संदेश: कोरबा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ महिला संगठन (NFIW) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन सीएचबी चौक, अशोक वाटिका में किया गया। यह आयोजन शाम 4 बजे शुरू हुआ, जिसकी अध्यक्षता 90 वर्षीय वरिष्ठ कामरेड आसमती यादव ने की। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों के स्वागत और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित करने के साथ हुई।

महिला सशक्तिकरण: समाज की प्रगति की कुंजी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ महिला संगठन (NFIW) की जिला अध्यक्ष कामरेड मीना यादव ने कहा, “आज का दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तब राष्ट्र भी सशक्त होता है। हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है, जहाँ हर महिला को अपनी क्षमताओं के अनुसार उड़ान भरने का अवसर मिले और वह अपने सपनों को साकार कर सके।”

NFIW की जिला सचिव हेमा चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसकी शुरुआत एक श्रम आंदोलन के रूप में हुई थी। 1908 में न्यूयॉर्क की 15,000 महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद 1910 में क्लारा जेटकिन ने इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया। इस लिहाज से 2025 में हम 114वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और शोषण
कार्यक्रम में वक्ताओं ने समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऑफिस, बाजार, स्कूल, अस्पताल, कारखाने, रेलवे, सड़कें—कोई भी स्थान महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर आंगनबाड़ी, आशा कर्मी और स्कीम वर्कर्स के श्रम का शोषण हो रहा है।

NFIW की सहायक सचिव विजय लक्ष्मी चौहान ने कहा, “महिला सशक्तिकरण केवल सामाजिक आवश्यकता नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की प्रगति का महत्वपूर्ण आधार है। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें समान अवसर देना हम सभी की जिम्मेदारी है।”

संघर्ष और एकता का संदेश
मुख्य अतिथि वीना देवी साहू, जिलाध्यक्ष (छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ), ने सभी महिलाओं को एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने गीतों और जोशीले नारों के साथ अपनी बात रखी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा, “आज के इस अवसर पर हमें संकल्प लेना होगा कि हम महिलाओं के लिए सुरक्षित, समान और सम्मानजनक माहौल बनाएंगे। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और राजनीति में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।”

सैकड़ों महिलाओं की सहभागिता
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें भुवनेश्वरी चौहान, भारतीय खुटे, पल्लवी साहू, देवकी, नीलू, सुनीता साहू, रीमा तिवारी, उषा वर्मा, फुलेश्वरी बाई साहू, परमेश्वरी चौहान, कौशल्या बेहरा, राधा महंत, समता बेगम, अराधना, साधना, सरिता चौहान, राधिका यादव, प्रिया सिंह, अनीता सोनी, हीरा मरकाम, उषा पटेल सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल रहीं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के संघर्ष, उनके अधिकारों और उनके सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस अवसर पर महिला सुरक्षा, समानता और आत्मनिर्भरता के लिए संकल्प लिया गया। यह आयोजन सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के हक की लड़ाई को और मजबूत करने का एक प्रेरणादायक मंच साबित हुआ।

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