कोरबा (पब्लिक फोरम)। न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल, त्वरित और जन-हितैषी बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे ‘मध्यस्थता राष्ट्र’ अभियान के क्रियान्वयन को लेकर कोरबा में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस अभियान का लक्ष्य केवल एक वैकल्पिक विवाद निपटान प्रणाली को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि न्याय को सुलभ और प्रभावी बनाना भी है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि पक्षकारों को संतोषजनक समाधान मिले और सभी न्यायालय अधिक से अधिक मामलों को मध्यस्थता के लिए चिन्हित करें।
अभियान के तहत, रेफरल प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से लागू करने और मध्यस्थता निगरानी समिति को समयबद्ध तरीके से प्रतिवेदन भेजने पर भी चर्चा की गई। ‘मध्यस्थता राष्ट्र’ अभियान 1 जुलाई से शुरू हुआ है और इसे 7 अक्टूबर तक चलाया जाना है। इस 90 दिवसीय अभियान में तालुका न्यायालय, जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय स्तर पर लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निराकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अभियान को लेकर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा ने 7 जुलाई 2025 को एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने समस्त न्यायिक एवं मध्यस्थता अधिकारियों को अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता अभियान के तहत पक्षकारों को निर्धारित समय सीमा में नोटिस तामील कराना सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही, ‘मीडिएशन फॉर द नेशन’ अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने पर भी बल दिया गया। ग्राम कोटवार के सहयोग से आमजन तक इस अभियान की जानकारी पहुंचाने के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला न्यायालय, कोरबा से संबंधित सभी न्यायाधीशगण और बाह्य न्यायालयों के सभी न्यायाधीशगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और अपने विचार प्रस्तुत किए। यह बैठक न्यायपालिका में मध्यस्थता की भूमिका को मजबूत करने और नागरिकों के लिए न्याय प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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