कोरबा (पब्लिक फोरम)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ विशेष अभियान के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा द्वारा दिनांक 10 जुलाई 2025 को न्यायालय परिसर के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में न्यायाधीशों की द्वितीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता माननीय श्री एस. शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा ने की।
बैठक का उद्देश्य दिनांक 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक चलने वाले इस राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाना तथा लंबित मामलों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना था।
माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यस्थता (Mediation) विवाद समाधान की एक सहज, त्वरित, विश्वासजनक एवं न्यायालय के बाहर समाधान प्रदान करने वाली प्रक्रिया है, जिससे न्यायिक प्रणाली पर भार कम होता है और आम जनता को शीघ्र न्याय मिल पाता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्यस्थता हेतु उपयुक्त प्रकरणों में वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी विवाद, उपभोक्ता शिकायतें, ऋण वसूली, संपत्ति का विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण एवं आपराधिक समझौता योग्य मामले सम्मिलित हैं।
बैठक के दौरान मध्यस्थता केंद्रों की भूमिका, कार्यप्रणाली एवं प्राथमिकता से निपटाए जाने वाले मामलों की पहचान को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए। माननीय प्रधान न्यायाधीश ने समस्त न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि वे संबंधित मामलों की गहन समीक्षा कर उन्हें मध्यस्थता के लिए अधिक से अधिक संख्या में चिन्हित करें और इस अभियान को जनमानस तक पहुंचाने हेतु प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता दें।
बैठक में कोरबा जिला न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायाधीशगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा के सचिव उपस्थित रहे।
यह विशेष अभियान मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से देशभर में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को वैकल्पिक विवाद समाधान के प्रति जागरूक करना एवं न्यायिक प्रक्रिया को अधिक संवेदनशील और सहभागी बनाना है।
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