कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। मानवता के प्रति समर्पण और सेवा भावना के उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, बालकोनगर के युवाओं की समाजसेवी संस्था मानव सेवा मिशन ने एक बार फिर अपने कार्यों से दिलों को छू लिया है। संस्था ने देवपहरी रोड पर निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा आदिवासी परिवारों को बारिश से राहत दिलाने हेतु छतरियों का वितरण किया।
यह सेवा कार्य उन भावनात्मक संवादों की परिणति था, जब संस्था द्वारा पहले किए गए प्लास्टिक वितरण कार्यक्रम के दौरान कोरवा परिवारों ने छतरियों की आवश्यकता जताई थी। संस्था ने इस मानवीय आग्रह को न केवल गंभीरता से लिया, बल्कि तीव्रता से उस पर कार्यवाही भी की।
तीन गांवों में पहुंची छतरियों की सौगात
संस्था के कार्यकर्ताओं ने भूडू माटी, छातीबहार और सरई टिकरा गांवों में जाकर वहां के प्रत्येक कोरवा परिवार को छतरियां सौंपीं। यह महज छतरी नहीं, बल्कि उनके कठिन जीवन में थोड़ी-सी राहत और गरिमा का प्रतीक थी। बारिश के इस मौसम में छतरियों की यह सौगात उनके दैनिक कार्यों को सरल बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
निरंतर सेवा की प्रेरक यात्रा
मानव सेवा मिशन बीते कई वर्षों से इन वंचित समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने हेतु संगठित और सुनियोजित प्रयास कर रही है। संस्था द्वारा समय-समय पर भोजन, वस्त्र, शिक्षा सामग्री और उपयोगी उपकरणों का वितरण किया जाता रहा है। यह छतरी वितरण उसी सेवा-यात्रा का एक प्रेरक अध्याय है।

डॉ. स्मिता प्रसाद का उल्लेखनीय योगदान
इस सेवा कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था की प्रमुख सदस्य डॉ. स्मिता प्रसाद ने आर्थिक सहयोग प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका यह योगदान संस्था के कार्यों को मजबूती प्रदान करता है और समाज में सेवा-भाव के विस्तार की प्रेरणा भी देता है।
सेवा में समर्पित कार्यकर्ता
कार्यक्रम में केशव चंद्रा, अमर पटेल, दिनेश पृथ्वीकर, सत्यम सोनी, लिलेश्वर शर्मा, राजेश धीवर, अशोक पटेल, संजय विजयवर्गीय, योगेश पटेल, कमलेश बोहरपी, मनोज सिंह, क्रांति सोनी, शैलेन्द्र जायसवाल और पीतम लाल जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका रही। इन सभी की प्रतिबद्धता संस्था के सेवा कार्यों को जमीनी हकीकत में बदलने में सहायक रही।
समाज के लिए एक संदेश
मानव सेवा मिशन का यह कार्य न केवल पहाड़ी कोरवा परिवारों के लिए सहारा बना है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। यह दर्शाता है कि सच्ची सेवा वही है जो लोगों की वास्तविक जरूरतों को समझे और समय पर उत्तर दे।
छतरियों का वितरण एक प्रतीक है – उन संवेदनाओं का, उस जिम्मेदारी का, जिसे कुछ जागरूक युवा निभा रहे हैं। जब समाज के सबसे कमजोर वर्ग की आवाज सुनी जाती है और उस पर प्रतिक्रिया दी जाती है, तब समाज वास्तव में मानवीय बनता है।
मानव सेवा मिशन का यह प्रयास यही साबित करता है कि सेवा कोई उपकार नहीं, बल्कि साझा मानवीय कर्तव्य है।




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