मतदान की गोपनीयता भंग करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध
रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता भंग करने का मामला सामने आया है। मतदान केंद्र पर ईवीएम की फोटो और वीडियो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में मनीष सिंह उर्फ बिहारी बाबू, निवासी टुरकुमुड़ा, थाना जुटमिल, तहसील व जिला रायगढ़ पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 128, 131 और 132 के तहत की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 11 फरवरी को नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए मतदान संपन्न हुआ। नगर पालिक निगम रायगढ़ के मतदान केंद्र क्रमांक 111, प्राथमिक शाला मिडुमुड़ा (कक्ष क्रमांक 03) में मनीष सिंह ने मतदान करते समय ईवीएम की फोटो और वीडियो खींची और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अपलोड कर दिया। इस कृत्य से मतदान की गोपनीयता भंग हुई।
जब यह मामला संज्ञान में आया, तो कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कार्तिकेय गोयल ने इसे गंभीरता से लिया और रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को निर्देशित किया। इसके बाद, संबंधित मामले में जुटमिल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई।
कानूनी प्रावधान और सजा
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत मतदान के दौरान फोटो या वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक करना कानून का उल्लंघन है। इसकी रोकथाम के लिए अधिनियम की धारा 128, 131 और 132 के तहत कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मतदान की गोपनीयता भंग करना एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
चुनाव आयोग की सख्ती
चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बावजूद, अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
इस मामले में भी प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए उचित कानूनी कदम उठाए हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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