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बुधवार, जुलाई 30, 2025
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SECL पुनर्वास नीति में बड़ा बदलाव: भूविस्थापितों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा, रोजगार और विकास योजनाओं का लाभ

0 नीतिगत संशोधन पर आश्वासन: सीएमडी ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
कोरबा और रायगढ़ क्षेत्र में पुनर्वास के एवज में मिलेंगे अतिरिक्त 3 लाख रुपए

0 ऊर्जाधानी संगठन और SECL के सीएमडी व बोर्ड मेंबरों की उच्चस्तरीय बैठक संपन्न

बिलासपुर/कोरबा (पब्लिक फोरम)। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) मुख्यालय, बिलासपुर में भूविस्थापितों की 12 सूत्रीय मांगों और अन्य मुद्दों को लेकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के प्रतिनिधियों के साथ सीएमडी श्री हरीश दुहन, डायरेक्टर (टेक्निकल) एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, डायरेक्टर (पर्सनल) श्री बिरंचि दास, जीएम (भूमि एवं राजस्व), जीएम (श्रम शक्ति) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की दो चरणों में विस्तृत बैठक हुई। इस बैठक में सभी मुद्दों पर गंभीर चर्चा की गई।

01अप्रैल को समिति द्वारा मुख्यालय में की गई आक्रोश रैली और 16 अप्रैल को कोरबा, दीपका, कुसमुंडा, रायगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में ऐतिहासिक आंदोलन के बाद यह बैठक आयोजित की गई। आंदोलन के कारण खदानों का संचालन बाधित हुआ और कोयला परिवहन ठप हो गया, जिससे SECL प्रबंधन को वार्ता के लिए बाध्य होना पड़ा।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:

पुनर्वास समिति का गठन: परियोजना स्तर पर जिला पुनर्वास समिति की तर्ज पर समस्याओं के समाधान हेतु समिति बनाई जाएगी।

नई पुनर्वास नीति लागू करने की पहल: कोल इंडिया की नीति के स्थान पर केंद्र सरकार की पुनर्वास नीति 2013 लागू की जाएगी।

लंबित रोजगार मामलों का समाधान: लीगल ओपिनियन लेकर पुराने और छोटे खातेदारों के मामलों का समाधान किया जाएगा।

भूमि पर बने मकानों की जांच: वन या शासकीय भूमि पर निर्मित मकानों की जांच कर अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।

आउटसोर्सिंग में 80% भर्ती: प्रभावितों को रोजगार देने हेतु एनआईटी में संशोधन किया जाएगा।

कौशल उन्नयन और स्वरोजगार: स्वयं सहायता समूहों और को-ऑपरेटिव को प्रशिक्षण व सहायता दी जाएगी।

ठेका कार्य की सीमा बढ़ी: भूविस्थापितों को मिलने वाले ठेका कार्यों की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई।

पुनर्वास ग्रामों में सर्वे और विकास: विकास कार्यों हेतु सर्वे कराया जाएगा।

खनिज न्यास मद से विकास: पंचायत के माध्यम से खनिज न्यास निधि से प्रभावित ग्रामों में कार्य कराए जाएंगे।

अमगांव रोजगार जांच: रोजगार से वंचित परिवारों की जांच कर उन्हें सहायता दी जाएगी।

मूल किसानों को संरक्षण: मुआवजे में कटौती नहीं होगी, और कट ऑफ डेट के बाद बने मकानों को नुकसान नहीं होगा।

ठेका कामगारों की सुरक्षा: वेतन, मेडिकल, सामाजिक सुरक्षा पर कंपनियों की निगरानी होगी।

बैकफिलिंग और पुनः उपयोग: बंद खदानों में बैकफिलिंग कर उन्हें शासन को सुपुर्द किया जाएगा।

स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं: गांव-गांव में मेडिकल कैंप और DAV स्कूलों में आरक्षण की सुविधा दी जाएगी।

मासिक समाधान शिविर: अनावश्यक कानूनी कार्रवाई से बचाव और नियमित समस्या समाधान शिविरों का आयोजन होगा।

रैखिक संबंध नीति में संशोधन: तीसरी पीढ़ी तक रोजगार की समाप्ति नीति में बदलाव की दिशा में कार्यवाही होगी।

इस बैठक में कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, रायगढ़, हसदेव, चिरमिरी और सोहागपुर क्षेत्र से कुल 47 प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रतिनिधियों में सपुरन कुलदीप, विजयपाल ठाकुर, रुद्र दास महंत, लता कंवर, गणेश सिंह उइके, विनय शुक्ला सहित कई प्रमुख नाम शामिल थे।

सीएमडी द्वारा नीति संशोधन का संकेत
बैठक के दौरान भूविस्थापित कोऑपरेटिव समितियों के लिए पेट्रोल पंप और मसाला उद्योग की स्थापना जैसी योजनाओं पर भी विचार हुआ, जिससे परिवारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

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