ज्योति यादव की कहानी, मेहनत और आत्मनिर्भरता की मिसाल
कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा के अजगरबहार ग्राम पंचायत में सड़क किनारे उड़द दाल के बड़े बेचने वाली ग्रामीण महिला ज्योति यादव की जिंदगी मेहनत और संघर्ष का जीता-जागता उदाहरण है। सुबह से शाम तक सिलबट्टे पर दाल पीसने से लेकर गरम-गरम बड़े तैयार करने तक की प्रक्रिया में ज्योति की मेहनत झलकती है। उनकी इस कड़ी मेहनत के बावजूद दिनभर की कमाई कभी 200 से 300 रुपये से आगे नहीं बढ़ पाती।
ऐसे में, छत्तीसगढ़ सरकार की “महतारी वंदन योजना” ने उनकी जिंदगी में उम्मीद की किरण जगाई है। इस योजना के तहत हर महीने उनके खाते में 1,000 रुपये जमा होते हैं। ज्योति कहती हैं, “एक हजार रुपये कमाना कितना मुश्किल है, यह मैं अच्छी तरह जानती हूं। यह पैसा घर के जरूरी खर्चों में बहुत काम आता है।”
मेहनत और ईमानदारी से कमाया हर एक रुपया
ज्योति यादव का छोटा सा नाश्ते का होटल पिछले एक दशक से ज्यादा समय से उनके परिवार के जीवनयापन का साधन है। यहां बनने वाले गरमा-गरम दाल बड़े, इमली और मिर्ची की चटनी के साथ, इस इलाके से गुजरने वाले यात्रियों को लुभाते हैं।
हालांकि, जंगल से गुजरने वाली इस सड़क पर ज्यादा गाड़ियों का आना-जाना नहीं होता। ऐसे में उनकी कमाई कभी-कभी बेहद सीमित हो जाती है। ज्योति बताती हैं, “मैं शुद्ध उड़द दाल के बड़े बनाती हूं, मिलावट का सहारा कभी नहीं लिया। मेरे ग्राहक इस स्वाद को याद रखते हैं और अक्सर दोबारा आते हैं।”
ज्योति यादव को “महतारी वंदन योजना” से हर महीने मिलने वाली राशि ने आर्थिक संकट के दिनों में बड़ा सहारा दिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू की गई इस योजना ने गांवों की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। ज्योति कहती हैं, “यह पैसा घर की जरूरतों को पूरा करने और बच्चों की पढ़ाई में मदद करता है। कभी-कभी होटल में कमाई नहीं होती, तब यही पैसे हमारा सहारा बनते हैं।”
ईमानदारी और संघर्ष का प्रतीक
ज्योति यादव की कहानी न केवल ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि ईमानदारी और मेहनत के साथ जीवनयापन करना कितना बड़ा संघर्ष हो सकता है। सरकार की योजनाओं से मिल रही मदद ने उनके जैसे कई लोगों की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाया है।
यह कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और आत्मनिर्भरता के सहारे जीवन को संवारने की कोशिश जारी रखी जा सकती है।
(रिपोर्ट: कमलज्योति)
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