लखनऊ (पब्लिक फोरम)। राजधानी के गोसाईगंज क्षेत्र स्थित राजकीय हाई स्कूल मस्तेमऊ में बुधवार को एक अनूठी पहल देखने को मिली। मिशन शक्ति अभियान 5.0 के तहत आयोजित विशेष कार्यक्रम में कक्षा नौ की छात्रा रोशनी यादव ने एक दिन के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्या का दायित्व संभाला और सभी को नेतृत्व का सशक्त संदेश दिया।
यह केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि बालिकाओं को जिम्मेदारी, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की व्यावहारिक समझ देने का एक सार्थक प्रयास था।
मिशन शक्ति 5.0: सतर्कता ही सुरक्षा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए शुरू किया गया मिशन शक्ति अभियान अब अपने पाँचवें चरण में है। इस चरण में विद्यालयों से लेकर समुदाय स्तर तक बालिकाओं को जागरूक बनाने, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कानूनी जानकारी और आत्मविश्वास विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस बार की थीम “सतर्कता ही सुरक्षा” इस बात पर जोर देती है कि केवल सुरक्षा उपलब्ध कराना ही काफी नहीं, बल्कि बालिकाओं को आत्मरक्षा और सतर्कता के लिए तैयार करना भी उतना ही जरूरी है।

शक्ति मंच की बैठक से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय में शक्ति मंच की बैठक से हुई, जिसमें शिक्षकों और छात्राओं के बीच विस्तृत चर्चा हुई। इस संवाद में इस बात पर जोर दिया गया कि सतर्कता, जागरूकता और सामूहिक सहयोग से न केवल विद्यालय, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
रोशनी ने संभाली प्रधानाचार्या की कुर्सी
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा जब कक्षा नौ की छात्रा रोशनी यादव ने एक दिन के लिए प्रधानाचार्या का पदभार संभाला। प्रधानाचार्या डॉ. कुसुम वर्मा ने विधिवत उन्हें कार्यभार सौंपा।
प्रधानाचार्या कक्ष में बैठकर रोशनी ने न केवल प्रशासनिक कार्यों का अवलोकन किया, बल्कि अन्य छात्र-छात्राओं को जिम्मेदारी और नेतृत्व के महत्व को समझाया। इस पहल से छात्राओं को यह संदेश मिला कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नेतृत्व क्षमता और आत्मनिर्णय की शक्ति विकसित करने का भी माध्यम है।

स्वच्छता अभियान और जागरूकता
कार्यक्रम में होप इनिशिएटिव संस्था की श्रीमती बिंदु ने विद्यार्थियों को “स्वच्छता ही सेवा” की शपथ दिलाई। इसके बाद बच्चों ने एक लघु फिल्म देखी और पूरे विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया।
विशेष रूप से छात्राओं को सैनिटरी वेंडिंग मशीन और इंसीनेटर के बारे में जानकारी दी गई, जिससे मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
बैंकिंग की व्यावहारिक शिक्षा
कार्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू रहा छात्र-छात्राओं को बैंक ले जाकर वित्तीय साक्षरता का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना। बच्चों ने स्वयं पैसे जमा करने और निकालने की प्रक्रिया सीखी। इस अनुभव ने उन्हें जीवन कौशल की महत्वपूर्ण शिक्षा दी, जो उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर बनने में सहायक होगी।
सामूहिक प्रयास से मिली सफलता
कार्यक्रम की सफलता में शिक्षिकाओं सुनीता सिंह, अर्चना और अशोक कुमार सहित पूरे विद्यालय समुदाय का योगदान रहा। पूरे विद्यालय का वातावरण मानो यह संदेश दे रहा था कि बेटियाँ केवल सपने देखने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए जन्मी हैं।
मिशन शक्ति फेज 5.0 का यह आयोजन महज एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश है – यदि उचित अवसर और मार्गदर्शन मिले तो हर बेटी समाज में उज्ज्वल भविष्य का दीपक बन सकती है। रोशनी की यह पहल न केवल विद्यालय, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
(रिपोर्ट: प्रदीप शुक्ल, लखनऊ ब्यूरो)
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