back to top
बुधवार, जुलाई 23, 2025
होमआसपास-प्रदेशशहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर को लोकजतन सम्मान: बस्तर में जनपक्षधर पत्रकारिता के...

शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर को लोकजतन सम्मान: बस्तर में जनपक्षधर पत्रकारिता के बलिदान को समर्पित आयोजन 24 जुलाई को रायपुर में

प्रेस क्लब में होगा आयोजन, वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश देंगे मुख्य व्याख्यान

रायपुर (पब्लिक फोरम)। इस वर्ष का ‘लोकजतन सम्मान’ बस्तर के शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर को उनकी निर्भीक, मैदानी तथा कॉर्पोरेट विरोधी जुझारू पत्रकारिता के लिए दिया जायेगा।  इस सम्मान समारोह का आयोजन कल 24 जुलाई 2025 को रायपुर प्रेस क्लब में अपराह्न 3 बजे से किया जाएगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश “लोकतांत्रिक भारत में पत्रकारिता की चुनौतियां” विषय पर व्याख्यान देंगे। इसी के साथ मध्यप्रदेश में शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान माला की शुरुआत भी होगी, जो 7 अगस्त तक चलेगी। इस समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध करेंगे। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ लेखक तथा पूर्व महाधिवक्ता कनक तिवारी होंगे। शैलेन्द्र शैली लोकजतन के संस्थापक-संपादक थे, जिनकी याद में इस सम्मान समारोह और व्याख्यान माला का हर साल आयोजन किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि बीजापुर के नौजवान पत्रकार मुकेश चंद्राकर की इस वर्ष 1 जनवरी को हत्या कर उसकी लाश को सेप्टिक टैंक में दफना दिया गया था। ‘लोकजतन’ ने इस सम्मान की घोषणा करते हुए आमतौर से देश और दुनिया तथा खासतौर से छत्तीसगढ़ में जन पक्षधर पत्रकारिता के जोखिम और पत्रकारों पर बढ़ रहे हमलों में सत्ता और कॉर्पोरेट पूंजी की मिलीभगत को रेखांकित किया है और कहा है कि उस समय जब बस्तर में माओवाद का हौवा दिखाकर लोकतंत्र को स्थगित और संविधान के राज को खत्म कर दिया गया है, मुकेश की पत्रकारिता ने इस दुष्चक्र को तोड़ने और स्थानीय स्तर पर पनपे उन कॉरपोरेटों की, जिनके सत्ताधारी वर्गों  के साथ खुले संबंध हैं, की बर्बरता को उजागर करने का काम किया है। मुकेश को अपनी साहसिक पत्रकारिता की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। वे पत्रकारिता के मोर्चे के शहीद हैं। ‘लोकजतन’ ने आशा व्यक्त की है कि दिवंगत मुकेश चंद्राकर को दिया जा रहा यह सम्मान जन पक्षधर पत्रकारिता को आगे बढ़ाने का काम करेगी।

अभी तक डॉ. राम विद्रोही (ग्वालियर), कमल शुक्ला (बस्तर-रायपुर), लज्जाशंकर हरदेनिया (भोपाल), अनुराग द्वारी (भोपाल),  राकेश अचल (ग्वालियर), पलाश सुरजन (भोपाल) आदि प्रमुख पत्रकारों को इस सम्मान से अभिनंदित किया जा चुका है।

‘लोकजतन’ के संस्थापक-सम्पादक शैलेन्द्र शैली कवि, लेखक, पत्रकार, चित्रकार, असाधारण वक्ता, संघर्षों के नायक, संगठनकर्ता और राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे अपने समय के प्रखर तथा लोकप्रिय छात्र नेता थे। वे आपातकाल में उस समय मीसा की पूरी अवधि – 19 महीने – जेल में रहे थे, जब वे पूरे 18 वर्ष के भी नहीं हुए थे। उनकी बीएससी भी जेल में पूरी हुयी थी। इसके बाद भी कई जेल यात्राएं उन्हें करनी पड़ीं। वे एसएफआई की  केंद्रीय समिति के सबसे युवा सदस्य तथा कामरेड सीताराम येचुरी की अध्यक्षता के समय स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफआई)  के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे थे। वे माकपा के सबसे युवा राज्य सचिव तथा  इसकी  केंद्रीय समिति के सबसे युवा सदस्य भी रहे। उन्होंने संयुक्त मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ तथा बस्तर के अनेक आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निबाही थी।

उल्लेखनीयहै कि ‘लोकजतन’ पिछले 26 वर्षों से बिना किसी व्यवधान और बिना किसी सरकारी या कार्पोरेटी विज्ञापन के लगातार प्रकाशित होने वाला मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का पाक्षिक है, जो हर साल 24 जुलाई को लोकजतन सम्मान समारोह और 7 अगस्त तक शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान माला का आयोजन करता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments