केरल (पब्लिक फोरम)। केरल के वायनाड में भीषण भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों का आज पांचवां दिन है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल जान-माल का भारी नुकसान किया है, बल्कि मानवता की परीक्षा भी ली है। अब तक 308 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन यह आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
सेना, नौसेना, राज्य प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जिनके साथ वैज्ञानिक और प्रशिक्षित कुत्ते भी हैं।
इस संकट की घड़ी में केरल की सत्ताधारी पार्टी सीपीआई(एम) के सभी विधायकों ने अपनी मासिक वेतन से 50,000 रुपये मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन कोष में देने का निर्णय लिया है। यह कदम राजनीतिक नेतृत्व की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री पी विजयन ने विस्थापितों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि पुनर्वास कार्यक्रम प्रभावी हो। नए आवासीय क्षेत्रों का निर्माण शीघ्रता से किया जाएगा। बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।”
इस त्रासदी के बीच कुछ आशा की किरणें भी दिखी हैं। वन विभाग के कर्मचारियों ने जंगल से चार बच्चों और उनकी मां को सुरक्षित बचाया, जो भूस्खलन के बाद एक गुफा में शरण लिए हुए थे। इसी तरह, एक 40 दिन की बच्ची और उसके छह वर्षीय भाई को भी बचाया गया, जिसमें उनकी मां ने अद्भुत साहस दिखाया।
भारतीय नौसेना के 78 जवान भी बचाव कार्यों में सक्रिय हैं। वे चूरालमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
केरल के ADGP (कानून व्यवस्था) एम. आर. अजीत कुमार ने बताया कि पूरे प्रभावित क्षेत्र को छह जोन में बांटा गया है। हेलीकॉप्टर और ड्रोन का उपयोग सर्वेक्षण के लिए किया जा रहा है। शवों के उचित प्रबंधन के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
चिकित्सा मोर्चे पर, 84 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जबकि 187 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
केंद्र सरकार की ओर से भी मदद पहुंच रही है। सेना की नॉर्दर्न कमांड से विशेष रडार और पर्वतीय बचाव दल वायनाड भेजे जा रहे हैं।
मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल, जो भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और बचावकर्मियों का हौसला बढ़ाया।
इस बीच, सेना के जवान पंचिरिमट्टम में एक अस्थायी पुल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे भारी मशीनों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके।
यह आपदा केरल के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन राज्य सरकार, केंद्र सरकार, सशस्त्र बल और स्थानीय समुदाय के संयुक्त प्रयासों से इस संकट से निपटने की कोशिश की जा रही है। यह समय न केवल बचाव और राहत का है, बल्कि लचीलेपन और एकजुटता का भी परिचय दे रहा है।
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