छात्राओं को ऑनलाइन सुरक्षा एवं साइबर जागरुकता का दिया गया प्रशिक्षण
महिला सशक्तिकरण योजनाओं की दी जानकारी
कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा के अध्यक्ष एवं सचिव के मार्गदर्शन में मेडिकल छात्रावास परिसर कोरबा में किशोरी बालिकाओं के लिए एक विशेष विधिक जागरूकता शिविर एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवतियों को ऑनलाइन सुरक्षा, साइबर अपराधों से बचाव, और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
इस जागरूकता शिविर में मेडिकल छात्रावास की सभी छात्राएं एवं स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम नालसा (NALSA) द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं—आशा योजना 2025, जागृति योजना 2025, डॉन योजना 2025, आवाज़ उठाओ 2025, और राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान (1 जुलाई से 7 अक्टूबर 2025)—के तहत आयोजित किया गया।

कानूनी अधिकारों पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
शिविर में छात्राओं को यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, बाल विवाह, पास्को अधिनियम, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, स्त्रीधन, और भरण-पोषण से संबंधित कानूनों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। साथ ही, संरक्षण अधिकारी की भूमिका और शिकायत निवारण की प्रक्रिया को भी सरल भाषा में समझाया गया।

साइबर अपराधों से सतर्क रहने के टिप्स
पुलिस विभाग से आए मास्टर ट्रेनर और साइबर एक्सपर्ट्स ने छात्राओं को ऑनलाइन ठगी, डिजिटल अरेस्ट, महंगे गिफ्ट के लालच, फर्जी लोन ऐप्स, और एआई के ज़रिए फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल जैसी घटनाओं से बचने के उपाय बताए। छात्राओं को सिखाया गया कि वे इन खतरों से कैसे सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं की स्थिति में क्या-क्या सावधानियां बरतें।

महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी
कार्यक्रम में मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गई, जिनमें शामिल थीं।
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
– सखी वन स्टॉप सेंटर
– महिला हेल्पलाइन – 181
– बाल सहायता हेल्पलाइन – 1098
– पुलिस टोल फ्री नंबर – 15100
इन सेवाओं की उपयोगिता और प्रक्रिया को भी सरल शब्दों में समझाया गया ताकि छात्राएं आवश्यकता पड़ने पर इनका लाभ उठा सकें।

प्रमुख वक्ता और विशेषज्ञों की सहभागिता
इस जागरूकता शिविर को सफल बनाने में अधिकार मित्र उमा नेताम, संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास, रजनी मारिया, जिला मिशन समन्वयक रत्ना नामदेव, सविता बजरंगी, साइबर एक्सपर्ट डेमन ओग्रे, विरकेश्वर, प्रताप सिंह, श्याम सिदार (साइबर सेल) का विशेष योगदान रहा। इन्होंने छात्राओं से संवाद कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया और व्यवहारिक उदाहरणों के माध्यम से साइबर सुरक्षा की अहमियत को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं उनके आत्मविश्वास और जागरूकता को बढ़ाती हैं। सभी ने इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में और अधिक ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता बताई। यह शिविर न केवल छात्राओं को कानूनी और साइबर सुरक्षा की जानकारी देने में सफल रहा, बल्कि उन्हें एक जागरूक और आत्मनिर्भर नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित किया।
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