कोरबा (पब्लिक फोरम)। राष्ट्रीय शिक्षा सेवा दिवस पर श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल पम्पहाउस कोरबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र कुमार साहू के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें जिला शिक्षा विभाग ने सक्रिय सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम के दौरान विशेष न्यायाधीश श्री जयदीप गर्ग ने अपने संबोधन में शिक्षा और समाज में विवेक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “कोई भी चीज़ व्यर्थ नहीं होती; हर चीज में कुछ न कुछ मूल्य छिपा होता है।” शिक्षा दिवस के अवसर पर डॉ. अबुल कलाम आजाद का स्मरण करते हुए उन्होंने बताया कि भारत की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और संस्थागत रूप देने में आजाद का महत्वपूर्ण योगदान था। उनका मानना था कि शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को विवेकवान बनाना है और सीमित संसाधनों में भी संतोष के साथ शिक्षा प्राप्त करना चाहिए। शिक्षा हमें संयम और सही आचरण का महत्व सिखाती है, जो हमें जीवन में सफल और संतोषी बनाता है।
शिविर में विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने पाॅक्सो एक्ट की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को बताया कि किस तरह यह अधिनियम लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है और बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई आपके साथ दुर्व्यवहार करता है या पीछा करता है तो उसे चुपचाप सहन न करें, बल्कि इसका विरोध करें और अपने परिजनों अथवा शिक्षकों को सूचित करें। इसमें बच्चों की पहचान गोपनीय रखने का प्रावधान है और 30 दिनों के भीतर पीड़ित की गवाही पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अपराधी को कठोर सजा देने का प्रावधान है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कु. डिम्पल ने डॉ. अबुल कलाम आजाद के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि समाज और देश की प्रगति का मार्ग है। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह देना है, ताकि वे भी न्याय प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर श्रीमती सीमा भारद्वाज ने राष्ट्रीय शिक्षण मिशन के तहत शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे आसपास के निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्य श्रीमती किरण दुबे ने अतिथियों का स्वागत किया और उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
शिविर के दौरान पैरालीगल वॉलंटियर्स द्वारा पम्पलेट का वितरण किया गया, जिससे छात्रों को सरल भाषा में कानूनी जानकारी प्राप्त हो सके। कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक सरल कानूनी शिक्षा की पुस्तक विद्यालय को भेंट की गई।
यह शिविर न केवल बच्चों में कानून और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था, बल्कि उन्हें विवेकवान और कर्तव्यनिष्ठ बनने के लिए प्रेरित करने का भी माध्यम था।
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