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सोमवार, नवम्बर 17, 2025
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गेवरा खदान में लाठीचार्ज: भूविस्थापितों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर दमन, न्याय की लड़ाई तेज

गेवरा खदान में भूविस्थापितों पर लाठीचार्ज की निंदा, दमन के खिलाफ एकजुटता का आह्वान

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एसईसीएल की गेवरा खदान में अपने अधिकारों की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे भूविस्थापित किसानों पर सीआईएसएफ (CISF) के जवानों द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज की व्यापक निंदा की जा रही है।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने इस घटना को “कायराना और पूर्व नियोजित हमला” बताते हुए इसे एसईसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की जनविरोधी मानसिकता का प्रतीक कहा है।

समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि यह हमला यह साबित करता है कि प्रशासन और प्रबंधन भूविस्थापितों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय, उनकी आवाज को बलपूर्वक कुचलना चाहता है। इस हिंसक कार्रवाई में कई निहत्थे किसान और उनके परिजन गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

“राष्ट्र के नाम पर जमीन देने वालों को अब लाठियाँ दी जा रही हैं”

समिति ने कहा कि जो किसान अपनी जमीनें ‘राष्ट्र के विकास’ के नाम पर दे चुके हैं, आज उन्हीं को अपने अस्तित्व और अधिकारों के लिए लाठियाँ खानी पड़ रही हैं। यह घटना केंद्र और राज्य सरकारों की जनविरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट-परस्त नीतियों की ज्वलंत मिसाल है।

“यह स्पष्ट है कि सत्ता और पूंजी के गठजोड़ ने किसानों, मजदूरों और भूविस्थापितों की आवाज को दबाने की ठान ली है, लेकिन यह संघर्ष झुकेगा नहीं,” समिति ने कहा।

दमन के खिलाफ एकजुटता की पुकार

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने क्षेत्र के सभी भूविस्थापित परिवारों, किसानों, मजदूरों और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की है कि वे इस राजकीय दमन और कॉर्पोरेट अत्याचार के खिलाफ एकजुट हों।

सपुरन कुलदीप ने कहा, “यह समय डरने या बिखरने का नहीं, बल्कि संगठित होकर तानाशाही के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का है। हमारा संघर्ष शांतिपूर्ण है, लेकिन कमजोर नहीं। प्रबंधन की हर लाठी हमारे हौसले को और मजबूत करेगी।”

समिति की प्रमुख मांगें

1. घायल आंदोलनकारियों का तत्काल और समुचित इलाज कराया जाए।
2. लाठीचार्ज का आदेश देने वाले प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारियों तथा दोषी सीआईएसएफ कर्मियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।
3. भूविस्थापितों की लंबित मांगों को तत्काल पूरा किया जाए।

समिति ने स्पष्ट किया है कि न्याय और सम्मान की प्राप्ति तक यह संघर्ष जारी रहेगा। “हम शांति और न्याय की राह पर हैं, लेकिन अन्याय के सामने झुकना स्वीकार नहीं,” अध्यक्ष स्पुरन कुलदीप ने कहा।

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