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गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
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कोरबा जिले में भूमि घोटाला: ग्रामीणों ने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए की जांच की मांग!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। ग्राम बंजारी, तहसील बरपाली, जिला कोरबा के निवासियों ने अपने ग्राम की भूमि पर हो रही कथित हेराफेरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सुमन कल्याण भारती (एस. के. सिंह) ने राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिली भगत करके ग्राम की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम पर दर्ज करा लिया है। यह भूमि, खसरा नंबर 6, 18, 23, और 78/1, जो छोटे और बड़े जंगल की श्रेणी में दर्ज थी, अब उसके नाम पर है। ग्रामीणों ने इस भूमि को पुनः शासकीय मद में दर्ज कराने और सभी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

भूमि हेराफेरी का आरोप
ग्रामीणों के अनुसार, उनके गांव की अधिकांश भूमि मड़वारानी पहाड़ के नजदीक स्थित है, जो भूमि माफियाओं की नजर में रहती है। ग्राम पताड़ी के निवासी सुमन कल्याण भारती ने राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर कर भूमि को अपने नाम करवा लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रक्रिया में राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता है, जिन्होंने उनके अधिकारों की अनदेखी की है।

सीमांकन प्रक्रिया पर सवाल!
सुमन कल्याण भारती ने तहसीलदार के समक्ष सीमांकन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर तहसीलदार द्वारा दो बार ज्ञापन जारी किया गया था। जब सीमांकन के दौरान ग्रामीणों ने भूमि को अपने नाम पर दर्ज कराने के बारे में सवाल किया, तो सुमन ने कहा कि उसे यह भूमि शासन द्वारा पट्टे पर दी गई है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि सुमन न तो उनके गांव का निवासी है और न ही उसके पास कोई वैध दस्तावेज हैं।

सरकारी रिकॉर्ड में भारी अनियमितता
ग्रामीणों ने हल्का पटवारी और राजस्व अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जब ग्रामीणों ने वर्ष 1995-96 और 1996-97 के रिकॉर्ड देखे, तो पाया कि उक्त भूमि जंगल के मद में दर्ज थी। लेकिन 2012-13 में खसरा नंबर 6 और 78/1 का एक हिस्सा सुमन कल्याण भारती के नाम पर दर्ज हो गया था। ग्रामीणों को बताया गया कि 2000 से 2011 तक का रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध नहीं है, और उन्हें हल्का पटवारी से संपर्क करने के लिए कहा गया।

फर्जी मुआवजे का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि सुमन कल्याण भारती, जो पहले भी भूमि घोटाले में जेल जा चुका है, अब एनएच 4 में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मुआवजा फर्जी तरीके से प्राप्त किया जा रहा है, क्योंकि भूमि उसके नाम पर गलत तरीके से दर्ज की गई है।

जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि ग्राम की भूमि को पुनः सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए और सुमन कल्याण भारती द्वारा किया जा रहा मुआवजा दावा रद्द किया जाए।

इस मामले में ग्रामवासियों द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और जांच की मांग जायज़ है। भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में हुई हेराफेरी के आरोपों की सही तरीके से जांच होनी चाहिए। यदि सुमन कल्याण भारती के पास वैध दस्तावेज़ नहीं हैं, तो इसे स्पष्ट करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इससे पहले भी भूमि घोटालों में संलिप्त व्यक्ति का नाम सामने आना प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाता है। ग्रामीणों की भूमि पर उनके अधिकार सुनिश्चित करने और पारदर्शिता के साथ इस मामले की जांच करना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की अन्यायपूर्ण स्थिति उत्पन्न न हो।
ग्रामीणों के द्वारा प्रस्तुत जानकारी को निष्पक्ष रूप से जांचना प्रशासन का कर्तव्य है, ताकि भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके और जनता का विश्वास बहाल रहे।

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