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शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2025
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रोजगार की मांग को लेकर भू विस्थापित किसानों का धरना 368 वें दिन भी जारी

04 नवंबर से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे प्रभावित

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 368 दिन से चल रहे धरना स्थल में बैठक कर देश हित के नाम पर भू विस्थापित किसानों से आजीविका के साधन जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भू विस्थापितों के जीवन को अंधकार बनाने वाले नीतियों एवं एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से समस्याओं का निराकरण नहीं करने के खिलाफ 04 नवंबर से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल में बैठने की घोषणा की है जिसकी सूचना प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन को दी गई है।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है और जिला प्रशासन के कार्यालयों में सत्यापन और अन्य दस्तावेज तैयार कराने के लिए भू विस्थापित महीनों चक्कर काट रहे है। अब भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष और तेज करने का निर्णय लिया है।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। किसान सभा नेता ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण जिस समय किया गया उस समय जो पॉलिसी थी उस पॉलिसी के तहत ही किसान जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं। किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे नहीं तो कोयला उत्पादन के लक्ष्य को कभी प्रबंधन पूरा नहीं कर पाएगा।

भू विस्थापितों ने लंबित रोजगार, पुनर्वास और बसावट के साथ 20 सूत्रीय समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर 4 नवंबर से कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे और मांग पूरी नहीं होने पर 17 नवंबर को कुसमुंडा और गेवरा खदान में महाबंद की घोषणा की है।

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