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शुक्रवार, फ़रवरी 21, 2025
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बालको में मजदूर संगठनों का सीपीआई महापौर प्रत्याशी हेमा चौहान को समर्थन, चुनावी माहौल गरमाया

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। कोरबा नगर निगम चुनाव को लेकर बालको में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। श्रमिक संगठनों सीटू यूनियन और एटक यूनियन की संयुक्त बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की महापौर प्रत्याशी श्रीमती हेमा चौहान के लिए एकजुट होकर प्रचार करने का निर्णय लिया गया। यह बैठक बालको सीटू यूनियन कार्यालय में हुई, जिसमें श्रमिक संगठनों के कई शीर्ष नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे।

मजदूरों और किसानों की बेटी को समर्थन

बैठक में यह तय किया गया कि कोरबा, जो मजदूरों और किसानों का शहर माना जाता है, वहां एक मजदूर किसान की बेटी को विजय दिलाने के लिए हरसंभव सहयोग किया जाएगा। साथ ही वार्ड क्रमांक 42 (सेक्टर 3, 4, 7 एवं दैहाननपारा) से पार्षद प्रत्याशी गणेश दत्त मिश्रा और वार्ड क्रमांक 46 (परसाभाटा बेलगड़ी बस्ती) से प्रत्याशी भुवनेश्वरी चौहान को भी समर्थन दिया जाएगा।

बैठक में CPI के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष एस.एन. बैनर्जी, उपाध्यक्ष गया प्रसाद, कोषाध्यक्ष धीरज भोंसले, उपमहासचिव राजेश नागराज, संतराम महंत, भूपेंद्र गोंड, रवि महाडिक, राजशेखर साहू, शिवकांत, अजय शर्मा, विष्णु, शशि, रितेश, लक्ष्मी, मानाराम, अशोक, सुरेश, बसंत, बलराम, हितेश समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

ऐक्टू यूनियन और भाकपा (माले) ने भी दिया समर्थन

इसी के साथ, बालको के एकतापीठ स्थित ऐक्टू यूनियन कार्यालय में आयोजित बैठक में भी श्रमिक संगठन ऐक्टू और भाकपा (माले) ने भी श्रीमती हेमा चौहान, भुवनेश्वरी चौहान और गणेशदत्त मिश्रा को अपना पूर्ण समर्थन देने का फैसला किया। इस बैठक में भी बड़ी संख्या में यूनियन के नेता और पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें बीएल नेताम, रामजी शर्मा, पुष्पलता सिंह, दिलेश उईके, रूपदास महंत, पुरुषोत्तम कश्यप, मनीष कुमार, एमपी सिंह, पीडी महंत, आरएन यादव, बीएल बिंझवार तथा अन्य पदाधिकारी शामिल थे।

चुनावी माहौल गरमाया, श्रमिक संगठनों की एकजुटता बढ़ी

बालको में श्रमिक संगठनों की यह एकजुटता आगामी नगर निगम चुनाव में CPI प्रत्याशियों के लिए बड़ी ताकत साबित हो सकती है। मजदूरों और किसानों की भावनाओं को जोड़ते हुए, ये संगठन चुनावी रणनीति को मजबूत कर रहे हैं। इस समर्थन से महापौर पद की लड़ाई और अधिक रोचक हो गई है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि श्रमिक वर्ग का यह संगठित समर्थन, कोरबा नगर निगम के चुनावी नतीजों को किस दिशा में मोड़ता है।

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