कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिले के दर्री थाना क्षेत्र के अयोध्यापुरी में निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे 48 वर्षीय मजदूर राम प्रताप यादव की 33 केवी हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा सोमवार को मकान निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी के कारण हुआ। मृतक राम प्रताप यादव छूरा कछार प्रेम नगर का निवासी था।
अयोध्यापुरी स्थित शांति हीरो के पास साईं वाटिका परिसर में राजा मोदी नामक व्यक्ति का मकान निर्माण चल रहा था। इस मकान के ऊपर से 33 केवी हाई टेंशन लाइन गुजर रही थी। इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा गया। सोमवार को शेड ढकने का काम हो रहा था, जब राम प्रताप यादव अचानक हाई टेंशन लाइन के संपर्क में आ गया। करंट लगते ही उसने मौके पर दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन और उनका पुत्र घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं हादसे के बाद अन्य मजदूर डर के मारे भाग खड़े हुए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई शुरू की। स्थानीय लोगों के अनुसार, शव बुरी तरह जल चुका था।

मकान मालिक की लापरवाही सवालों के घेरे में
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मकान मालिक को हाई टेंशन लाइन के खतरों की जानकारी थी, इसके बावजूद निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया। बताया गया कि यह मकान तिरुपति बजाज आउटलेट के नाम पर बन रहा था।

राम प्रताप यादव अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उनकी मौत ने परिवार को गहरे आर्थिक और भावनात्मक संकट में डाल दिया है। परिजनों ने इस हादसे के लिए मकान मालिक और जिम्मेदार विभागों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन और बिजली विभाग पर उठे सवाल
यह घटना प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। हाई टेंशन लाइन के नीचे निर्माण कार्य की अनुमति कैसे दी गई? क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया? ऐसे हादसे भविष्य में रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
सुरक्षा उपायों की अनदेखी का खामियाजा
यह घटना एक बार फिर निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी के घातक परिणामों को उजागर करती है। बिजली विभाग और प्रशासन को ऐसे निर्माण कार्यों पर सख्ती से नजर रखनी चाहिए।
1. सख्त नियमावली लागू हो: हाई टेंशन लाइनों के पास निर्माण कार्यों पर पूर्ण रोक लगे।
2. जिम्मेदारों पर कार्रवाई: मकान मालिक और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएं।
3. सुरक्षा अभियान चलाए जाएं: निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
4. परिवार को मुआवजा: पीड़ित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता दी जाए।
राम प्रताप यादव की मौत ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन की अनिवार्यता को रेखांकित किया है। प्रशासन, मकान मालिक और संबंधित विभागों की लापरवाही ने एक निर्दोष मजदूर की जान ले ली। अब जरूरत है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
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