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सील हुई कोरबा की बकायादार संपत्तियां: अमरदीप ज्वेलर्स बालको पर निगम की बड़ी कार्रवाई

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा नगर पालिक निगम ने बकाया कर वसूलने के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए बड़े बकायादारों की संपत्तियों को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कड़ी में बालको की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित अमरदीप ज्वेलर्स की संपत्ति को निगम ने सील कर दिया। यह कार्रवाई निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय के नेतृत्व में की गई, जिन्होंने बकाया राशि वसूलने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह कदम न केवल निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि शहर के विकास और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा।

क्या है पूरा मामला?
नगर पालिक निगम कोरबा को संपत्ति कर, समेकित कर, भवन और दुकान किराए सहित विभिन्न करों के रूप में करोड़ों रुपये की बकाया राशि वसूलनी है। निगम के आंकड़ों के अनुसार, 119 बड़े बकायादारों पर 1 लाख रुपये से अधिक और 286 बकायादारों पर 50 हजार से 1 लाख रुपये के बीच की राशि बकाया है। इन बकायादारों को बार-बार नोटिस और वारंट जारी किए गए, लेकिन भुगतान न होने के कारण निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे शहर के विकास कार्य और बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

इसी के तहत अमरदीप ज्वेलर्स की चार संपत्तियों पर लगभग 2 लाख रुपये का बकाया था। निगम कर्मचारियों ने कई बार तगादा किया और वारंट जारी किए, लेकिन भुगतान न होने पर आखिरकार संपत्ति को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई निगम के सख्त रवैये का संदेश देती है कि अब बकायादारों को बख्शा नहीं जाएगा।

निगम आयुक्त का सख्त रुख
निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने राजस्व वसूली को प्राथमिकता देते हुए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इस दल में जोन कमिश्नर, राजस्व अधिकारी अनिरुद्ध प्रताप सिंह, अतिक्रमण शाखा प्रभारी और सात जोनों के उप प्रभारी शामिल हैं। टास्क फोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे बड़े बकायादारों की संपत्तियों को चिह्नित कर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सील करने की कार्रवाई करें। साथ ही, हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट आयुक्त को सौंपी जाएगी।

आयुक्त पांडेय ने बकायादारों से अपील की है कि वे बकाया राशि तुरंत जमा करें, ताकि कार्रवाई से होने वाली असुविधा से बचा जा सके। उन्होंने कहा, “निगम के करों से मिलने वाली राशि शहर के विकास और बुनियादी सुविधाओं के लिए जरूरी है। समय पर कर जमा न करने से बकाया राशि बढ़ती जाती है, जिसे अंततः चुकाना ही पड़ता है।”

क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?
निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है बकाया राशि की वसूली। जब बकायादार समय पर कर जमा नहीं करते, तो निगम को आर्थिक नुकसान होता है। इसका सीधा असर सड़कों, स्ट्रीट लाइट, पानी, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं पर पड़ता है। यह न केवल शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बनता है, बल्कि कोरबा के विकास की गति को भी धीमा करता है।

निगम की यह कार्रवाई उन बकायादारों के लिए एक चेतावनी है, जो बार-बार नोटिस के बावजूद लापरवाही बरत रहे हैं। साथ ही, यह आम नागरिकों को यह संदेश देती है कि निगम शहर के हित में कड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगा।

बकायादारों के लिए भावनात्मक अपील
आयुक्त पांडेय ने बकायादारों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा, “यह शहर हम सबका है। आपके द्वारा जमा किया गया कर कोरबा को बेहतर बनाने में मदद करता है। साफ सड़कें, बेहतर जलापूर्ति और उज्ज्वल भविष्य के लिए आपका योगदान जरूरी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि समय पर कर जमा करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि शहर के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य भी है।

निगम ने साफ कर दिया है कि यह कार्रवाई रुकने वाली नहीं है। टास्क फोर्स बड़े बकायादारों की संपत्तियों को चिह्नित कर लगातार सील करने की प्रक्रिया जारी रखेगी। निगम का लक्ष्य है कि शत-प्रतिशत बकाया राशि वसूल की जाए, ताकि शहर के विकास कार्यों को गति दी जा सके।

नगर निगम ने सभी करदाताओं से अनुरोध किया है कि वे अपने बकाया करों का भुगतान समय पर करें। इससे न केवल निगम की कार्रवाई से बचा जा सकता है, बल्कि कोरबा को एक स्वच्छ, सुंदर और विकसित शहर बनाने में भी योगदान दिया जा सकता है।

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