कोरबा जिले में पोषण आहार की आपूर्ति में गंभीर व्यवधान: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों की बढ़ती चुनौतियां
कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में लगभग 2600 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और किशोरियों को पौष्टिक आहार प्रदान कर उनके समग्र विकास में सहायता करना है। परंतु, पिछले एक माह से इन केंद्रों तक पोषण आहार नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इस व्यवधान का सीधा प्रभाव लाभार्थियों पर पड़ रहा है। बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से मिलने वाला पोषण आहार अब उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप, न केवल लाभार्थी परेशान हैं, बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लोगों के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है।
यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि कोरबा एक महत्वाकांक्षी जिला है, जहां कुपोषण पहले से ही प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। छत्तीसगढ़ सरकार बीज निगम के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण आहार की आपूर्ति करती है। हालांकि, राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से इस व्यवस्था में गड़बड़ी आई है, जो पिछले एक महीने में और भी बिगड़ गई है।
सामान्यतः, प्रत्येक लाभार्थी को महीने में 4 पैकेट पोषण आहार दो किश्तों में प्रदान किया जाता है। केंद्र सरकार ने इस वितरण की निगरानी के लिए एक विशेष एप्लिकेशन भी विकसित किया है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों से ऑनलाइन प्रतिक्रिया और सुझाव लिए जाते हैं।
वर्तमान परिस्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। पोषण आहार की नियमित और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना न केवल आंगनबाड़ी केंद्रों के सुचारु संचालन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कोरबा जिले में कुपोषण से लड़ने और समुदाय के सबसे कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य और विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
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