back to top
होमआसपास-प्रदेशकोरबा: रोजगार की आस में भूविस्थापितों का धरना, 7 घंटे बाद वार्ता...

कोरबा: रोजगार की आस में भूविस्थापितों का धरना, 7 घंटे बाद वार्ता से समझौता!

बुडबुड-राहाडीह परियोजना के ग्रामीणों ने एसईसीएल मुख्यालय में उग्र प्रदर्शन किया

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बुडबुड-राहाडीह कोयला खदान परियोजना के भूविस्थापितों ने शुक्रवार को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में उग्र प्रदर्शन किया। अपनी रोजगार की मांग को लेकर कई वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे इन ग्रामीणों ने जब कोई सुनवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया। यह धरना प्रदर्शन 7 घंटे तक लगातार जारी रहा।
भूमि अधिग्रहण के बदले में रोजगार का वादा
ग्राम बुडबुड और राहाडीह की 550 एकड़ भूमि 2007 में एलए एक्ट के तहत अधिग्रहित की गई थी। उस समय, तत्कालीन महाप्रबंधक श्री खान ने लिखित में ग्रामीणों को रोजगार देने का वादा किया था। 15 मार्च 2013 को कलेक्टर द्वारा आयोजित बैठक में भी यह सहमति बनी थी कि 275 खातेदारों को रोजगार दिया जाएगा। नामांकन और सत्यापन के बाद, 2016 में अचानक कोल इंडिया पॉलिसी लागू कर सैकड़ों भूविस्थापितों को अपात्र कर दिया गया।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने भी लिया धरने में भाग
इस धरने में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि एसईसीएल अधिकारी उनके साथ छल कर रहे हैं और उन्हें उनके हक-हकूक से वंचित किया जा रहा है। उनका कहना था कि अधिकारियों का मकसद केवल उत्पादन लक्ष्य हासिल करना है, भले ही ग्रामीणों को इसका खामियाजा उठाना पड़े।
अधिकारियों से वार्ता के बाद धरना स्थगित
लगातार 7 घंटे के प्रदर्शन के बाद, अधिकारियों ने वार्ता के लिए पहल की। महाप्रबंधक भू राजस्व शरद तिवारी, औद्योगिक संबंध मनीष श्रीवास्तव और मेंन पावर के अधिकारियों ने महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि रोजगार के बदले में ही उनकी जमीन ली गई थी और अब उन्हें रोजगार दिया जाना चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला डायरेक्टर टेक्निकल (योजना परियोजना) के अधीन है और वे जल्द ही बैठक करके समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
इस आश्वासन के बाद, धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया। यदि एक सप्ताह के अंदर बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता है, तो भूविस्थापितों ने फिर से प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
धरने में शामिल रहे प्रमुख लोग:
हेमलाल श्रीवास, परमेश्वर बिंझवार, रूपचंद डिक्सेना, बचन बाई, जेठिया बाई, सन्तोष श्रीवास, नवा अंजोर भूविस्थापित समिति से ब्रजेश श्रीवास प्रताप सिंह, सन्तोष राठौर।
यह धरना प्रदर्शन कोरबा जिले में रोजगार और भूविस्थापन के मुद्दों पर उठ रहे सवालों को फिर से सामने लाता है। 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments