कोरबा (पब्लिक फोरम)। मंगलवार को पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको क्षेत्र में भारी जलभराव की समस्या से जूझ रहे स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। शाम 3 बजे बालको पहुंचे श्री अग्रवाल ने शांति नगर, रिंग रोड, ढेंगुरनाला, बीहीबाड़ी और कूलिंग टॉवर जैसे इलाकों का दौरा कर प्रभावितों से उनकी समस्याओं को समझा।
इस दौरान स्थानीय निवासियों ने बताया कि मानसून की पहली बारिश ने ही पूरे बस्ती को जलमग्न कर दिया। गंदी नालियों का कचरा घरों और दुकानों में घुस गया, जिससे लोगों को अपने सामानों को सुरक्षित रखने तक का मौका नहीं मिला। सैकड़ों परिवारों को भारी नुकसान हुआ है, राशन सामग्री के साथ-साथ घर के जरूरी सामान भी पानी में खराब हो गए।

बालको प्रबंधन और प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए सवाल
श्री अग्रवाल ने प्रभावितों से बात करते हुए कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने इस समस्या से अवगत कराया था। रायपुर में होने के कारण वह तुरंत नहीं आ सके, लेकिन रात में कोरबा लौटकर उन्होंने आज यहां के लोगों से मिलना उचित समझा। महिलाओं ने बताया कि उनके घरों में 3 से 5 फीट तक पानी भर गया था, जिसका असर अभी भी दिखाई दे रहा है और इससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि नगर पालिका का यह दायित्व है कि वह बरसात से पहले नालियों की सफाई, बिजली, पानी, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करे। हालांकि, उन्होंने इस समस्या का सबसे बड़ा कारण बालको प्रबंधन को ठहराया। उन्होंने कहा कि बालको प्रबंधन ने जिस स्थान पर कूलिंग टावर का निर्माण किया है, वहां पहले एक नाला बहता था, जिसे बंद कर दिया गया। इसके अलावा, नए प्लांट के काम के दौरान बनाए गए कैंपों के कारण भी पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं किया गया है, जिससे यहां के लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है।
श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि बालको के विस्तार के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों को रोजगार और आवश्यक मूलभूत सुविधाएं देने का जो वादा किया गया था, उसे बालको प्रबंधन पूरा करने में विफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बालको को अपने आसपास के गांवों को गोद लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन ने ही बालको को गोद ले लिया है। उन्होंने जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि वह किस दबाव में काम कर रहा है और उसकी क्या मजबूरी है, यह समझ से परे है।

भविष्य में आंदोलन की चेतावनी
श्री अग्रवाल ने बालको की जनविरोधी और नियम विरुद्ध कार्यशैली का कड़ा विरोध करने की बात कही। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते बालको प्रबंधन, जिला प्रशासन और निगम प्रशासन ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में बालको प्लांट और जिला प्रशासन का घेराव भी किया जा सकता है।
इस मौके पर पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद, पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष नत्थूलाल यादव, नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी, पार्षद मुकेश राठौर, नारायण कुर्रे, डॉ. रामगोपाल कुर्रे, पूर्व पार्षद प्रदीप जायसवाल, सेवादल अध्यक्ष प्रदीप पुरायणे, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दुष्यंत शर्मा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष राकेश पंकज, पीयुष पाण्डेय, महेंद्र थवाईत (गुड्डु), पंचराम आदित्य, पार्षद बद्रीकिरण, राजू बर्मन, पूर्व पार्षद देवी दयाल सोनी, पूर्व पार्षद गंगाराम भारद्वाज, लखन लाल सहिस, अजीत बर्मन, मुन्ना खान, मनोज भारिया, के के चौकसे, गिरधारी बरेठ, बल्लु थवाईत, एफ डी मानिकपुरी, ए डी जोशी, चंद्र कुमार निर्णेजक, ए अंसारी, भवानी साहू, बुद्धेश्वर चौहान सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और स्थानीय निवासी मौजूद रहे।
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