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सोमवार, जुलाई 7, 2025
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कोरबा नगर पालिक निगम चुनाव: 67 वार्डों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी, कौन-कौन से वार्ड हुए आरक्षित? जानिए पूरी जानकारी

कोरबा (पब्लिक फोरम)। नगर निगम चुनाव के लिए कोरबा जिले के 67 वार्डों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस प्रक्रिया में कई वार्ड महिलाओं और विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिससे शहर में खुशी और गम का मिला-जुला माहौल देखने को मिला। आइए, जानते हैं पूरी खबर।
आरक्षण प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के लिए वार्डों का निर्धारण किया गया है।

अनुसूचित जाति (SC)

महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्ड:
46 (बेलगरी बस्ती), 34 (दादर खुर्द), 30 (एसईसीएल कॉलोनी क्रमांक 02)।

अनुसूचित जाति के लिए अन्य आरक्षित वार्ड:
08, 29, 33, 40, 41, 45।

अनुसूचित जनजाति (ST)

महिला अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित वार्ड:
47 (रुमगढ़ा), 53 (चोरभट्टी), 67 (बालगीखार)।
अनुसूचित जनजाति के लिए अन्य आरक्षित वार्ड:
36, 52, 54, 66, 64।

पिछड़ा वर्ग (OBC)

कुल आरक्षित वार्ड: 16
इनमें से 5 वार्ड महिला पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
महिला पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड:
12 (नई बस्ती), 9 (इमलीडुगु), 32 (पोड़ीबहार बस्ती), 28 (एसईसीएल कॉलोनी क्रमांक 01), 03 (साकेत नगर)।

पिछड़ा वर्ग के अन्य आरक्षित वार्ड:
01, 07, 51, 62, 17, 26, 57, 22, 39, 21, 24।

सामान्य महिला वर्ग
कुल 11 वार्ड सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हैं:
14, 58, 61, 15, 60, 37, 50, 13, 27, 49, 63।

सामान्य वर्ग (ओपन)

जिन सीटों पर कोई विशेष आरक्षण लागू नहीं है, वे वार्ड सामान्य श्रेणी में शामिल किए गए हैं।
कोरबा जिले में नगर निगम चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई। इस प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन ने विभिन्न वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण का वैज्ञानिक और कानूनी आधार अपनाया।

जनता की प्रतिक्रियाएं
आरक्षण सूची जारी होने के बाद शहर में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ लोगों ने इसे समावेशी विकास की दिशा में सकारात्मक कदम बताया, तो कुछ ने अपने वार्ड के आरक्षण को लेकर असंतोष जाहिर किया।

आरक्षण नीति का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को समान अवसर देना है। महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण से उनकी राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, प्रशासन के लिए यह जरूरी है कि आरक्षित वार्डों में प्रतिनिधियों का चयन ऐसा हो जो विकास कार्यों को प्राथमिकता दे।
कोरबा नगर निगम की आरक्षण प्रक्रिया न केवल कानूनी दायरे में रही, बल्कि यह सामाजिक समरसता और राजनीतिक संतुलन का भी प्रतीक है। अब सभी की नजरें आगामी चुनावों पर हैं, जहां यह देखना दिलचस्प होगा कि चुने गए प्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं।

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