कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला जेल कोरबा से अगस्त माह में फरार हुए चार कैदियों में से अंतिम कैदी को भी पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। महीनों की लुकाछिपी के बाद, चौथे आरोपी चंद्रशेखर राठिया को हाटी के घने जंगलों से गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही कोरबा पुलिस ने इस बहुचर्चित जेल ब्रेक कांड के सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिससे क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर जनता का विश्वास और सुदृढ़ हुआ है।
यह मामला 2 अगस्त, 2025 का है, जब कोरबा जिला जेल में बंद दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के चार विचाराधीन कैदी – चंद्रशेखर राठिया, राजा कंवर, दशरथ सिदार और सरना सिंकू – जेल की 25 फुट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गए थे। उन्होंने बिजली कटौती का फायदा उठाते हुए और कपड़ों से बनाई गई रस्सी का इस्तेमाल कर इस दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया था, जिसने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
घटना के बाद से ही कोरबा पुलिस की कई टीमें लगातार इन फरार कैदियों की तलाश में जुटी थीं। पुलिस की अथक मेहनत जल्द ही रंग लाई जब घटना के कुछ ही दिनों के भीतर तीन आरोपियों को अलग-अलग जगहों से दबोच लिया गया। दो कैदियों, राजा कंवर और सरना सिंकू, को रायगढ़ जिले के गेरवानी गांव से पकड़ा गया, जहां वे अपनी पहचान छिपाकर मजदूरी कर रहे थे। वहीं, तीसरे आरोपी दशरथ सिदार को कोरबा शहर से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
हालांकि, चौथा आरोपी चंद्रशेखर राठिया लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। वह अपनी लोकेशन बदलता रहा, जिससे पुलिस को उसे पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अंततः, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि चंद्रशेखर हाटी के जंगलों में छिपा हुआ है।
इस सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें निरीक्षक अभिनवकांत सिंह, सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) अजय सिंह, और आरक्षक सुजीत कुरी, अनिल साहू और हरीश मरावी शामिल थे। टीम ने पूरी योजना के साथ जंगल में घेराबंदी की और चंद्रशेखर राठिया को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
कोरबा पुलिस अधीक्षक ने इस सफलता का श्रेय टीम के अथक प्रयासों और सटीक रणनीति को दिया है। उन्होंने कहा कि सभी फरार कैदियों की गिरफ्तारी यह सुनिश्चित करती है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और कोई भी अपराधी ज्यादा दिन तक बच नहीं सकता। इस सफलता ने न केवल एक महत्वपूर्ण मामले का पटाक्षेप किया है, बल्कि आम जनता के बीच सुरक्षा और न्याय की भावना को भी मजबूत किया है।
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