कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के बरपाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सलिहा भांठा में गोंडवाना गोंड महासभा कोरबा के तत्वावधान में अपने आराध्य और सृष्टि के संचालक माने जाने वाले इष्ट देवता बड़ा देव की भव्य स्थापना एवं पूजा अर्चना पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई।
इस अवसर पर पारंपरिक गोंडी वाद्ययंत्रों की थाप पर एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिलाएं, बच्चे और पुरुष भारी उत्साह के साथ शामिल हुए। भीषण गर्मी और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, समाज के लोगों में कार्यक्रम को लेकर असीम जोश और उमंग देखा गया, जो उनकी मजबूत जीवनशैली और सांस्कृतिक जुड़ाव का परिचायक है।

कार्यक्रम के दौरान विधि-विधान से कलश स्थापना भी की गई। इस महत्वपूर्ण एवं धार्मिक आयोजन में कोरबा जिले सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों और अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में गोंड समाज के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
आयोजन समिति के सक्रिय सदस्य एवं ग्राम पंचायत सलिहा भांठा के सभापति दिलहरन वरकडे ने बड़ा देव की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आदिवासी समाज का प्रकृति और उसके मूल तत्वों में अटूट विश्वास है। उनके लिए धरती, आकाश, जल, वायु और अग्नि ही परम सत्य एवं सर्वोच्च सत्ता हैं, और यही सार्वभौमिक शक्ति बड़ा देव के रूप में पूजी जाती है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पवित्र स्थल पर भविष्य में भी इसी प्रकार के आयोजन नियमित रूप से होते रहेंगे, जिनका दोहरा उद्देश्य बड़ा देव की आराधना के साथ-साथ वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के प्रति समाज में गहन जागरूकता लाना होगा।

छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा के जिला अध्यक्ष श्रीमती जे.बी. कारपे ने अपने संबोधन में कहा कि अपनी समृद्ध संस्कृति और विशिष्ट परंपराओं को संरक्षित रखकर ही हम अपने वनों और प्राकृतिक संपदा की प्रभावी ढंग से रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने संस्कृति और प्रकृति के अटूट रिश्ते को विस्तार से रेखांकित किया।

इस गरिमामय अवसर पर संरक्षक विशाल कोरमा पाली की सभापति जाम बाई श्याम, जनपद सदस्य रीना मरकाम, उषा नेटी, सरोज जगत, अनुराधा नेताम, रामखेलावन सिदार, रामकुमार वरकडे, कौशल खुरसिंगा, जगदीश नेटी, इंद्रपाल मरकाम, बालकृष्ण पुलस्त, मनोज पोर्ते, अशोक पोर्ते, केसर नेटी, सूरजमान सिदार, ध्वजाराम वरकड़े, हेमा नेटी, राधा नेटी सहित भारी संख्या में आदिवासी गोंड समाज के गणमान्य नागरिक एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।
यह आयोजन गोंड समाज की अपनी जड़ों से जुड़ाव, प्रकृति के प्रति गहरी श्रद्धा और भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
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