कोरबा (पब्लिक फोरम)। ग्राम पंचायत बेला के आश्रित गाँव फुटहामुड़ा और गहनिया को अब खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है। इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में ग्रामीणों को स्वच्छता के महत्व और शौचालय उपयोग की आवश्यकता पर विस्तार से जागरूक किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती फुलेश्वरी कंवर ने की। इस मौके पर पंचायत सचिव नागेंद्रधर दीवान और आवास मित्र द्वारिका देवांगन ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि खुले में शौच से न केवल बीमारियाँ फैलती हैं, बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। वहीं, शौचालय उपयोग से परिवार और समाज दोनों सुरक्षित रहते हैं।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भी शौचालय उपयोग के लाभ सरल भाषा में समझाए गए। उन्हें बताया गया कि शौचालय अपनाने से न केवल बीमारी का खतरा घटता है, बल्कि गाँव की छवि भी स्वच्छ और सम्मानजनक बनती है।
गाँव के बुजुर्गों और महिलाओं ने भी साझा किया कि पहले खुले में शौच से असुविधा और शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी, लेकिन अब शौचालय बनने से जीवन में सहजता और गरिमा आई है।
यह उपलब्धि न केवल स्वच्छ भारत मिशन की सफलता को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीणों के जागरूक प्रयासों का परिणाम भी है।
भारत के ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच लंबे समय तक स्वास्थ्य और सामाजिक सम्मान की बड़ी चुनौती रहा है। आँकड़े बताते हैं कि खुले में शौच से फैलने वाली बीमारियों के कारण हर साल हजारों लोग प्रभावित होते हैं।
फुटहामुड़ा और गहनिया का ओडीएफ घोषित होना इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार की योजनाएँ और जनता की जागरूकता मिलकर काम करती हैं, तो सकारात्मक बदलाव संभव है।
यह पहल केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन की गरिमा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है। अब इन गाँवों का उदाहरण आसपास के अन्य इलाकों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
Recent Comments