शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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कोरबा: जिले में माकपा के सदस्यों ने दिया पार्टी से सामूहिक इस्तीफा

प्रशांत झा, संजय पराते और वीएम मनोहर पर लगे आर्थिक अनियमितता सहित कई गंभीर आरोप

कोरबा (पब्लिक फोरम)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 50 पार्टी सदस्यों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी छोड़ने वालों में पार्टी के राज्य समिति, जिला समिति, लोकल कमेटी सहित दर्जन भर से अधिक ब्रांच कमेटी के मेंबर शामिल हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जनक दास कुलदीप ने एक प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा है कि पार्टी के राज्य स्तरीय नेता प्रशांत झा, संजय पराते और व्हीएम मनोहर के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत पार्टी राज्य एवं केंद्रीय समिति एवं राज्य समिति को तीन साल पहले ही किया गया था लेकिन पार्टी केंद्रीय समिति पूरे मामले को लीपापोती करने में जुटी हुई थी और वास्तविकता को नजरंदाज करने में तुली हुई है। लाखों रुपयों की आर्थिक अनियमितताएं होना प्रमाणित होने के बाद भी केंद्रीय नेतृत्व ने मामले को दबाने और रफा दफा करने में लगी हुई थी। जिससे नाराज होकर पार्टी के सदस्यों ने अपनी सामूहिक इस्तीफा पत्र पार्टी केंद्रीय व राज्य नेतृत्व को भेज दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा पर आर्थिक भ्रष्टाचार के अलावा मनमानी और व्यक्तिवादी ढंग से पार्टी को चलाने का भी आरोप है। जिले में पार्टी की गतिविधियों में पार्टी में निर्णय न लेकर वे स्वयंभू नेता बनने में लगे हुए हैं जिसके पीछे उनके व्यक्तिगत निहित स्वार्थ जुड़ा हुआ है। वे पार्टी और संगठन को जेबी संगठन के रूप में संचालित कर रहे हैं। पार्टी की सामूहिक निर्णय की सिद्धांत को वे तिलांजलि दे दिए हैं ताकि उनकी अवैध वसूली बेरोक टोक चल सके और उनके उपर पार्टी का कोई नियंत्रण न रहे। उन्होंने कहा कि प्रशांत झा पार्टी के सभी नियमों को ताक में रखकर ठेकेदारों से धमकी देकर अवैध वसूली करते हैं। मड़वाढोंढा वार्ड में ठेकेदारों से कमीशन लेते हैं और भू विस्थापितों के आंदोलन के नाम पर एस ई सी एल प्रबंधन से ब्लैकमेलिंग कर कंपनी में अन्य नाम से या अपने भाई के नाम से ठेका लेते रहते हैं। भू विस्थापितों के आड़ में वे अपनी उल्लू सीधा कर रहे है। कोयला प्रबंधन और प्रशांत झा के बीच एक नापाक गठजोड़ है जो भूविस्थापितो की समस्याओं को हल करने में सबसे बड़ी बाधाए हैं। भूविस्थापितों को गुमराह और भ्रमित कर रहे है।
श्री जनक दास ने कहा है कि इस्तीफा पत्र में इस बात को भी रेखांकित किया गया है कि भू विस्थापितों को संगठित कर आंदोलन करने के आरोप में जब सपूरन कुलदीप को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया तो फिर उन्ही मुद्दों को लेकर अब प्रशांत झा द्वारा आंदोलन चलाने के पीछे ही एक गहरी साजिश है। प्रशांत झा पार्टी के दिशानिर्देश पर कोई आंदोलन नही चला रहे और उनके आंदोलन के पीछे न ही पार्टी का कोई सदस्य है। बल्कि कुछ स्वार्थी तत्वों के इशारे पर प्रशांत झा पार्टी के बैनर का उपयोग कर आंदोलन चला रहे हैं।उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि जिनके पास आजीविका का कोई साधन न हो उनके पास पिछले तीन वर्षो में इतनी भारी संपत्ति कहां से आ गया?
वरिष्ठ नेता जनक दास ने स्पष्ट रूप से बताया कि माकपा जिला सचिव पर जिले के एक प्रभावशाली निजी कंपनी के दलाल होने जैसे गंभीर आरोप हैं। पार्टी के केंद्र एवं राज्य समिति ने हमारे द्वारा बार-बार किए जा रहे शिकायतों के बावजूद आज तलक कोई ध्यान नहीं दिया। पार्टी में स्थानीय लोगो को प्राथमिकता ना देकर उनको बार-बार उपेक्षित करने का भी आरोप है। माकपा के राज्य नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों को कोई तवज्जो नहीं दिया जाता। छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेतृत्व को ये लोग हीन नजर से देखते है। स्थानीय लोगो को आगे लाने का कोई भी स्पष्ट नीति पार्टी के पास नही है। माकपा नेतृत्व की ऐसे ही गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण ही हम सभी स्थानीय कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी से इस्तीफा देने वालों में पार्टी के राज्य समिति व जिला समिति सदस्य भी शामिल हैं।

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