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गुरूवार, सितम्बर 11, 2025
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कोरबा: कांग्रेस ने शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किया याद

कोरबा (पब्लिक फोरम)। देश के द्वितीय राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा शहर ने शिक्षक दिवस के अवसर पर श्रद्धापूर्वक याद किया। इस अवसर पर टीपी नगर स्थित कांग्रेस कार्यालय में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को भारतीय समाज और शिक्षा जगत के लिए अविस्मरणीय बताया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा शिक्षक के रूप में बिताया और असंख्य विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की। उन्होंने आदर्श शिक्षक के रूप में जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वही आज भी शिक्षकों के लिए प्रेरणा है। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने देश को बेहतर नेतृत्व दिया और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया।

पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनके योगदान को देखते हुए ही सरकार ने उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया, जो आज भी परंपरा के रूप में जारी है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष नत्थूलाल यादव ने कहा कि भारत में शिक्षक का स्थान सर्वोच्च है। गुरु-शिष्य की परंपरा का ज्वलंत प्रतीक ही शिक्षक दिवस है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रति समाज का सम्मान और आस्था पहले की तरह आज भी अडिग है।

नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने कहा कि गुरूकुल परंपरा आज आधुनिक विद्यालयों में दिखाई देती है। गुरुओं का महत्व जीवनभर बना रहता है और उनकी मार्गदर्शक भूमिका व्यक्ति की सफलता की आधारशिला होती है। गुरु का ऋण कभी भी चुकाया नहीं जा सकता।

कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नारायण कुर्रे ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के हृदय में गौतम बुद्ध की तरह करुणा और संवेदनशीलता थी। वे शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों को भी सर्वोच्च महत्व देते थे।

इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर, युवा कांग्रेस अध्यक्ष राकेश पंकज, डॉ. रामगोपाल यादव, मनक राम साहू, शशि अग्रवाल, सुनीता तिग्गा, संतोष यादव, रवि खुंटे, गणेश दास महंत, जवाहर निर्मलकर, अजीत बर्मन, अनिल सिंह, विक्रम दास, गोपाल यादव, सुशील नेताम सहित कई कांग्रेसजन उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. राधाकृष्णन की जीवनी और विचारों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भारत के महान शिक्षक और दार्शनिक के रूप में याद किया।

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