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मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025
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कोरबा: नई रजिस्ट्री गाइड लाइन के विरोध में कांग्रेस द्वारा CM का पुतला दहन, 130% तक बढ़ोतरी पर सरकार को घेरा

कोरबा (पब्लिक फोरम)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर एवं ग्रामीण) ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भैंसमा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पुतला दहन कर नई रजिस्ट्री गाइड लाइन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया।

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जमीन की गाइड लाइन में बेतहाशा वृद्धि को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जमीन गाइड लाइन की दरों में अत्यधिक वृद्धि कर दी है। यह सरकार का अदूरदर्शी फैसला है, जिससे आम आदमी को परेशानी होगी और भूमि की खरीद-बिक्री लगभग बंद हो जाएगी। श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने रजिस्ट्री में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि कर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इससे सरकार को भविष्य में राजस्व की हानि होगी। हम सब इस अव्यावहारिक निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं।

रामपुर विधायक फुलसिंह राठिया ने कहा कि यह प्रदेश के विकास में बाधा पहुंचाने वाला फैसला है। पूरे देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ कि एक साल में जमीन की गाइडलाइन 130 से 500 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई हो। मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, पुणे जैसे अन्य बड़े शहरों में भी जमीन की गाइडलाइन की दर एक बार में 10 से 15 प्रतिशत ही बढ़ाई जाने की परंपरा रही है।

पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने कहा कि सरकार ने पहले भूमि के गाइडलाइन दरों में कांग्रेस सरकार के समय दिए जाने वाले 30 प्रतिशत छूट को समाप्त कर दिया। अब अचानक जमीनों की सरकारी कीमत 10 से 100 प्रतिशत बढ़ा दी गई है, जिसका अर्थ है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद भूमि की सरकारी कीमत 40 से 130 प्रतिशत बढ़ गई है।

ग्रामीण जिला अध्यक्ष मनोज चौहान ने बताया कि 30 लाख रुपये की जमीन के लिए 22 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी कोई सरफिरा या तुनकमिजाज सरकार ही लगा सकती है। प्रदेश के कई शहरों के आसपास ऐसी स्थिति बन गई है कि अगर कोई 1000 वर्ग फीट जमीन की खरीदी 6 लाख रुपये में करता है, तो उसे 4 लाख 40 हजार रुपये रजिस्ट्री शुल्क चुकाना होगा। कुछ क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क और जमीन की कीमत बराबर होगी, और कुछ क्षेत्रों में जमीन की कीमत से ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ेगा।

शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुकेश राठौर ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार ने यह फैसला जानबूझकर जनता को, विशेषकर किसानों, गरीबों और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को परेशान करने के लिए लिया है। सरकार द्वारा जमीन की रजिस्ट्रियों के संबंध में भूमि के गाइडलाइन के संबंध में लिए गए फैसले जनता के हितों के खिलाफ हैं। कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार रियल एस्टेट सेक्टर देता है। सरकार के इस अनुचित फैसले से छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट व्यवसाय की कमर टूट जाएगी।

पूर्व जिला अध्यक्ष हरीश परसाई ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने 30 प्रतिशत छूट देकर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में प्राण फूंका था। यही कारण था कि कोरोना के समय भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत थी। वर्तमान सरकार के निर्णय से बेरोजगारी बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था तबाह होगी और रियल एस्टेट में गिरावट आएगी। सरकार का आर्थिक प्रबंधन असफल हो गया है। सरकार के पास अपनी योजनाओं को चलाने के लिए पैसा नहीं है, इसीलिए सरकार विभिन्न मदों में टैक्स बढ़ाकर जनता पर बोझ थोप रही है। इसीलिए जमीन के गाइड लाइन के रेट बढ़ाए गए तथा बिजली के दाम भी बढ़ाए गए।

कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नारायण कुर्रे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को प्रतिशोध की राजनीति बताते हुए कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लगातार परेशान करने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह मामला फर्जी है।

इस अवसर पर पार्षद रवि चंदेल, सुखसागर निर्मलकर, अविनाश बंजारे, सांसद प्रतिनिधि रवि कश्यप, अब्दुल, सुभाष, जयकिशन श्रीवास, आवेश कुरैशी, आशीष गांगुली, सरवन सिंह सहित जिला कांग्रेस कमेटी शहर एवं ग्रामीण से अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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