कटघोरा (पब्लिक फोरम)। कोरबा क्लस्टर का BS4 कार्यक्रम कटघोरा के अंबेडकर भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10:30 बजे ध्वजारोहण और राष्ट्रगीत के साथ हुआ।
पहला सत्र: भारतीय संविधान और उसके पालन की चुनौतियां
कार्यक्रम के पहले सत्र का विषय “भारतीय संविधान को लागू करने की बोली तय करेगी आगामी शासन की दिशा – प्रचार करो, विस्तार करो, प्रस्थापित करो” था। इस सत्र का संचालन रवि शंकर खूंटे ने किया। इस सत्र की प्रस्तावना तेरस राम ने रखी, जबकि मुख्य अतिथि मोहन सिंह कंवर ने विस्तार से बताया कि कैसे एससी-एसटी आरक्षण को संविधान के विरुद्ध समाप्त करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम की खामियों और इसके लोकतंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा की।
विशिष्ट अतिथि और अन्य वक्ताओं का संबोधन
विशिष्ट अतिथि देव प्रसाद रत्नाकर ने भारतीय संवैधानिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए और बताया कि संविधान के लागू नहीं होने से आम जनमानस को कितनी समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं। योगेश साहू ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे देश में 200 स्थानों पर हो रहा है और छत्तीसगढ़ में भी पांच जगहों पर क्लस्टर अधिवेशन हो रहा है। इस BS4 कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुई थी और इसके परिणामस्वरूप लोकसभा में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सांसदों ने ‘जय संविधान’ का नारा दिया था।
सुखी राम पैगंबर ने संविधान को लागू करने की चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ए. के. कुरनाल ने बताया कि अन्य पार्टियों और संगठनों ने हमारे बामसेफ संगठन के BS4 कार्यक्रम को कॉपी किया और 2024 के चुनाव में इसे मुद्दा बनाया।
दूसरा सत्र: सामाजिक अभिसरण और राष्ट्र निर्माण
दोपहर 1 से 2 बजे के भोजन अवकाश के बाद, दूसरे सत्र की शुरुआत हुई। इस सत्र का विषय “मूल निवासी बहुजनों का सामाजिक अभिसरण ही राष्ट्र निर्माण का सरल समीकरण” था। इस सत्र की प्रस्तावना मूल निवासी संघ के कोरबा जिला महासचिव प्रदीप बंदे ने दी।
देवराज सिंह मरकाम ने अपने क्षेत्र में संविधान लागू नहीं होने के कारण चिकित्सा और शिक्षा की कमी पर प्रकाश डाला। मदनपुर से आई सिस्टर ज्ञानी ने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा की। सुनील सुना ने कॉलेजियम सिस्टम का जमकर विरोध किया। प्रवीण पालिया ने पांचवी अनुसूची और पेसा कानून पर चर्चा की। रेखा साहू ने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर जानकारी दी। सम्मे लाल पाटले ने प्रश्न-उत्तर और कविता की शैली में संवैधानिक बातें समझाईं। भुवनेश्वर प्रसाद दिव्या ने संवैधानिक हक और अधिकारों पर चर्चा की। युवा वक्ता मुकेश पाटले और अनिल टंडन ने युवाओं को संवैधानिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बामसेफ छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष सुखीराम पैगंबर ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन मूलनिवासी संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य योगेश साहू ने किया।
इस कार्यक्रम ने संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक न्याय की दिशा में नए दृष्टिकोण प्रदान किए। प्रतिभागियों ने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया।
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