गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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KORBA: संविधान और जनतंत्र की रक्षा के साथ रोजगार के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प के साथ मनाया गया 77 वां स्वतंत्रता दिवस

तिरंगा रैली निकालकर झंडा फहराया भूविस्थापितों ने

कोरबा (पब्लिक फोरम)। आजादी के 77 वीं वर्षगांठ के मौके पर एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 653 दिनों से भू विस्थापितों को रोजगार देने की मांग को लेकर चल रहे धरना स्थल में छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने से तिरंगा झंडा हाथ में लेकर रैली निकालने के बाद धरना स्थल में वरिष्ठ भू विस्थापित मोहन यादव और किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा द्वारा झंडा फहराने के बाद संविधान की रक्षा और देश को मजबूत करने के साथ भू विस्थापितों को जमीन के बदले रोजगार देने, सार्वजनिक उद्योगों को बेचना बंद करने, शहीदों के अरमानों को मंजिल तक पहुचायेंगे, स्वतंत्रता दिवस अमर रहे का नारे लगाए।
कुसमुंडा मुख्यालय के सामने जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन को 653 दिन पूरे होने और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन भी बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान इकट्ठा होकर स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए धरना स्थल पर बैठे रहे।

स्वतंत्रता दिवस के दिन धरना स्थल पर तिरंगा झंडा फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि आजादी के 76 साल पूरा होने के बाद भी आजाद भारत में भू विस्थापित किसानों का शोषण एसईसीएल प्रबंधन के साथ राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जारी है। 15 अगस्त को पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा है दूसरी तरफ आजादी की नंगी सच्चाई यह है कि एसईसीएल के लिए भू विस्थापितों और किसानों की जिंदगी की कीमत जानवरों से अधिक नहीं है। एक तरफ एसईसीएल द्वारा घंटो के कार्यक्रम में लाखों के वारे – न्यारे कर दिए जाते हैं वहीं भू विस्थापित किसान अपनी जमीन एसईसीएल में गंवाने के बाद परिवार चलाने और दो वक्त की रोटी के लिए रोजगार मांगने के लिए सरकारी और एसईसीएल के दफ्तरों में भटक रहे हैं। 76 साल की आजादी की सच्चाई यह है कि जिले के भू विस्थापितों के हिस्से में इस तथाकथित विकास से कुछ नहीं आया है आज भी भू विस्थापित आत्म हत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हैं।
रोजगार के लिये संघर्ष और तेज करने के साथ 11 सितंबर में विस्थापन से जुड़े समस्याओं को लेकर महाघेराव की घोषणा भी किसान सभा नेताओं ने की है।
कार्यक्रम और धरना में प्रमुख रूप से किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक रोजगार एकता संघ से दामोदर श्याम,रेशम यादव, सुमेंद्र सिंह ठकराल,रघु यादव,मोहन लाल यादव,बृजमोहन,कृष्णा, हरिहर पटेल, रघुनंदन, बसंत चौहान, गणेश बिंझवार,विजय,नरेश,सनत कश्यप, अनिल बिंझवार,चंद्रशेखर, हेमलाल, हरियर पटेल,राधेश्याम पटेल,के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित थे।

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