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सोमवार, फ़रवरी 24, 2025
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कोरबा: एनटीपीसी भूविस्थापितों के अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन का 150वां दिन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एनटीपीसी कोरबा द्वारा जारी आम सूचना अनुसार नौकरी तथा अधिग्रहण के समय, बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर दिनांक 22 अप्रैल 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ग्राम चारपारा के 03 भूविस्थापित विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, राकेश कुमार केवट अपने परिवार के सदस्यों के साथ, लगातार तानसेन चौक कोरबा में बैठे हुए 150 दिन हो रहें है एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन से
मांग का प्रमुख कारण है। ग्राम चारपारा की संपूर्ण जमीन लगभग 950 एकड़ थी जिसमें 771.28 की जानकारी दी गई उसमें से कई किसानों की जमीन का मुआवजा नही हुआ है जिसकी जांच करवाने की मांग की गई है।
एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा जमीन अधिग्रहण के समय किये गये वादा अनुसार 04.09. 1979 में आम सूचना व 22.1.1981 में नौकरी देने संबंधी सहमति होने के बावजूद नौकरी नहीं दिए गए हैं।
एनटीपीसी कोरबा द्वारा दिनांक 17/08/1981 व 12/02/1987 को नौकरी संबंधित सूचना जारी की गई उसके बाद से लेकर अभी तक नौकरी संबंधित सूचना जारी नहीं की गई है।
अब तक 300 परिवार में से मात्र 38 भूविस्थापितों को नौकरी दिये गये है लगभग 262 परिवार आज भी नौकरी से वंचित है ।
एनटीपीसी कोरबा द्वारा 2100 मेगावाट से बढ़ाकर सन् 2010 में 2600 मेगावट बना लिये है परियोजना का विस्तार करने के बाद भी भूविस्थापित नौकरी से वंचित है आम सूचना अनुसार निर्माण कार्य जैसे जैसे बढ़ता जावेगा, रोजगार के अवसर भी जावेगे एवं तद्नुसार क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जावेगा परन्तु इसके बावजूद भी नौकरी लेने संबंधित कोई सूचना जारी नही की गई है न ही नौकरी मांगने पर दी गई । उल्टा रिक्तिया नहीं है कहकर गुमराह किया जाता है जबकि सन् 2016 से एनटीपीसी सीपत बिलासपुर के 33 भूविस्थापितों को ट्रेनिंग के नाम से एनटीपीसी कोरबा में नियमित नौकरी कर रहे है हमारी मांग है कि उन्हें वापस सीपत के प्लांट में भेजा जाये उनके जगह एनटीपीसी कोरबा के भूविस्थापितों को नौकरी दिया जाये। एनटीपीसी कोरबा प्लांट की शुरुवात में लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी थे और आज लगभग 650 कर्मचारी है। इनके क्षमता अनुसार आज भी कर्मचारी संख्या कम है जिसे ठेकेदारी के माध्यम से काम कराया जा रहा है और एनटीपीसी कोरबा भूविस्थापित आज भी अपने अधिकारों से वंचित है सन् 2000 में आखरी 5 भूविस्थापितो को नौकरी दिया गया है इसके बाद से नौकरी देने के नाम से गुमराह करते आ रहे हैं दिनांक 22 अप्रैल से नौकरी तथा बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल बैठे हुए हैं। भूविस्थापितो की जमीन की जांच अभी तक नहीं कर पाये है न ही मांग को अभी तक पूरा नहीं किए हैं इसके बजाय संबंधित मांग के संबंध में शासन प्रशासन को दिग्भ्रमित जानकारी दिए गए हैं जो कि एनटीपीसी कोरबा द्वारा अपने वादों को पूरा न करने के लिए भूविस्थापितो के साथ साथ शासन प्रशासन को भी गुमराह कर रहे हैं इसलिए एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन दिग्भ्रमित जानकारी देना बंद कर आम सूचना व अन्य सूचना अनुसार सही जानकारी देवे। जब तक भूविस्थापितो की मांग पूरी नहीं होती है तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

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