कोरबा (पब्लिक फोरम)। लापता हुई संतोषी विश्वकर्मा की 15 लाख रूपये की फिरौती मांगने के मामले में पुलिस की पतासाजी में एक बड़ा खुलासा हुआ है। मामले का खुलासा करते हुए कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि बांगो थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रार्थी कृष्णा विश्वकर्मा ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 28 सितम्बर के प्रातः लगभग 08:00 बजे उसकी लडकी जिसका नाम संतोषी विश्वकर्मा हैं, सिलाई मशीन का काम सीखने कोरबा जा रही हूं, कहकर घर से गई है, जो 30 सितंबर तक वापस घर नहीं आई है।
थाना बांगो में गुम इंसान क्रमांक 32/2023 कायम कर जांच पतासाजी किया जा रहा था। विवेचना के दौरान अपहृता संतोषी विश्वकर्मा के मोबाईल नंबर से घर के मोबाईल नंबर पर किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा फोन करके कहा गया कि आपकी लड़की को मैं किडनैप कर लिया हूं, मुझे 15,00,000 (पन्द्रह लाख) रूपये बताये हुये जगह पर लाकर दो, तब मैं लड़की को छोड़ दूंगा। अज्ञात व्यक्ति के द्वारा लड़की को किडनैप कर फिरौती की रकम मांगने के संबंध में लिखित आवेदन करने पर अपराध धारा 364 (क), 365 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पतासाजी हेतु पुलिस टीम गठित कर अलग-अलग जगह ग्राम पाली, पोडी, रतनपुर, सकरी बिलासपुर में दबिश दी गयी जो उनके द्वारा लगातार जगह बदल कर गिरफ्तारी के डर से लुकछिप रहे थे। उसके पश्चात आरोपियों के द्वारा 28 नवम्बर को न्यायालय कटघोरा में अपने आपको आत्मसमर्पण कर दिया गया।
पुलिस रिमांड पर उनसे कड़ाई से पूछताछ करने पर अपहृता को एक कथित आरोपी के द्वारा गला घोंटकर मार देने के बाद थाना पाली के केराझरिया जंगल में अपने अन्य चार साथियों के साथ मिलकर जमीन में दफना देने का जुर्म स्वीकार किया। पुलिस द्वारा उनको लेकर घटना स्थल में आरोपियो के निशानदेही पर दफन शव को बरामद किया किया गया। अपहृता के परिजनो के द्वारा अपनी बेटी संतोषी विश्वकर्मा का होना पहचान किया गया। उक्त आरोपीयो से घटना में प्रयुक्त गैती, फावडा व अन्य वस्तुओं को जप्त किया गया है। इस घटनाक्रम ने जिले वासियों को न्यूज एंकर सलमा हत्याकांड की याद दिला दी है।
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