
खरसिया(पब्लिक फोरम)। खरसिया के ग्राम चपले में संचालित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल में 16 जून से पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भारी परेशानी हो रही थी। बिना किताबों के बच्चे और शिक्षक असहाय महसूस कर रहे थे, जिससे अभिभावकों में भी चिंता बढ़ गई थी। इस गंभीर मुद्दे को लेकर पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कन्हैया पटेल और युवा कांग्रेस नेता तारेंद्र डनसेना ने सक्रियता दिखाते हुए इस समस्या को जोर-शोर से उठाया। दोनों नेताओं ने बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता देते हुए इस मुद्दे को तत्काल हल करने की मांग की, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया।
25 जुलाई को कन्हैया पटेल और तारेंद्र डनसेना ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को प्रमुखता से उजागर किया। दोनों नेताओं ने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गईं, तो स्कूल के सामने आंदोलन किया जाएगा। उनकी इस त्वरित और प्रभावी पहल का असर यह हुआ कि शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और 26 जुलाई को रायगढ़ डिपो से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल, चपले के लिए पुस्तकें उपलब्ध करा दीं। जल्द ही ये पुस्तकें बच्चों तक पहुंच जाएंगी, जिससे उनकी पढ़ाई निर्बाध रूप से चल सकेगी।
कन्हैया पटेल और तारेंद्र डनसेना की इस त्वरित और जनहितैषी कार्यशैली की क्षेत्र में व्यापक प्रशंसा हो रही है। दोनों नेताओं ने न केवल बच्चों की शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण समस्या को हल करने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि यह भी दिखाया कि सकारात्मक दबाव और जागरूकता से व्यवस्था में बदलाव लाया जा सकता है। स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि भविष्य में भी ये दोनों नेता इस तरह के गंभीर मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। उनकी इस पहल ने न केवल स्कूल के बच्चों और अभिभावकों को राहत दी, बल्कि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा दिया है।
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