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एकता,भाईचारा और मानवता के प्रतीक हैं कबीर -जयसिंह अग्रवाल

सदगुरु कबीर साहब जयंती समारोह का भव्य आयोजन: राजीव गांधी इनडोर आडिटोरियम में किया गया आयोजन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। राजीव गांधी आडिटोरियम ट्रान्सपोर्ट नगर कोरबा में आयोजित सद्गुरु कबीर साहब की जयंती के अवसर पर राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने सभी धर्म, मजहब और विभिन्न समाजों के गणमान्य लोंगो के साथ सफलन आयोजन के लिए आयोजन समिति के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि कबीर साहब अविवादित और सर्वमान्य थे उन्होंने जाति धर्म, अंधविश्वास, पाखण्ड के खिलाफ एक क्रांतिकारी युग की शुरुआत की थी इसी तरह कबीर के सभी अनुयाइयों में एकता का परिचय दिया गया है। कबीर साहब ने समाज की एकता भाईचारा और मानवता का संदेश देकर जीवन को सार्थक करने का उपदेश दिया है ।

सभागार में मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कबीर साहब के संदेशों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होने सुश्री सुरती कुलदीप के मांग को स्वीकार करते हुए मानिकपुरी पनिका समाज भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए विधायक मद से स्वीकृत की घोषणा की। उनके आलावे अनेक वक्ताओं ने अपना उद्बोधन दिया जिसमें डॉ आरएन चंद्रा कबीर शोधार्थी ने कबीर साहब के आदर्श और उनके साखी, सबद, रमैनी और बीजक ग्रंथो में उल्लखित वैज्ञानिक तथ्यों को रखा।

आडिटोरियम में कार्यक्रम से पूर्व सीएसईबी चौक से इंदिरा स्टेडियम तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई इस शोभा यात्रा के दौरान सिक्ख समाज द्वारा यात्रियों का स्वागत एवं शर्बत पिलाया गया। शोभायात्रा आडिटोरियम में पहुंचकर कार्यक्रम अलग अलग धर्म समुदाय के गणमान्य लोंगो की गरिमामय उपस्थिति में मानव श्रृंखला बनाकर धार्मिक एकता अखंडता विश्व शांति सद्भावना दिवस के रूप गुब्बारा छोड़ा गया। सभागृह में सभी अथितियों का पुष्पाहार, श्रीफल एवं गमछा भेंटकर स्वगात किया उसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम में कबीर साहब के जीवन गाथा और उनके सखियों को भारत निषाद मण्डली द्वारा पंडवानी शैली में प्रस्तुति ने आत्मविभोर किया, युवा कबीर भजन गायिका तनुश्री, जया मानिकपुरी ने भजन की प्रस्तुति दी जिससे सभी उपस्थित जनो को कबीर साहब के निर्गुण धारा में बह जाने को विवश कर दिया ।

डॉ देवघर महंत ने वर्तमान अपपरिस्थिति में देश दुनिया को कबीर के ही मार्ग पर ही चलकर एक अच्छा देश दुनिया आदर्श समाज बनाया जा सकता है। कोरबा के प्रसिद्ध साहित्यकार व वक्ता मोहम्मद युनूस ने कबीर साहब के जीवन काल की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि कबीर जैसा कोई अन्य क्रांतिकारी नहीं हुए जो झुके नहीं, टूटे नहीं, रुके नहीं। बड़े बड़े राजाओं नवाबों को अपने कदमों झुकने मजबुर किए और विश्व शांति एकता अखंडता का संदेश दिए।

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जनक दास कुलदीप ने कबीर साहब के जन्म काल में तत्कालीन सामंती व्यवस्था जाति धर्म के नाम पर जनता जो पिस रहे थे। उल्लेख करते हुए कबीर साहब का प्रतिज्ञा – पहले बोधों कोरी चमारा, ता पीछे राज दरबारा।
बाम्हन के जनेऊ टोदाऊं मूूल्ला के दाढी मुदाऊं बारह पंथ को एक मिलाऊं, तब मै नाम कबीर कहाऊं। आज भी अधूरा है करोड़ों कबीर पंथी हैं मगर वे केवल कबीर साहब के संदेशों के मिशन को धर्म के रूप मै लिए। उनके समता मूलक समाज स्थापना को भूल गए अन्यथा आज कबीर साहब के सपनों का दुनिया होता। हमें कबीर को धार्मिक बन्धन से मुक्त कर असली कबीर को देश दुनिया में स्थापित करने का प्रण लेने कहा।

अखिल भारतीय मानिकपुरी पनिका समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्या विनोद महंत, जिला सचिव प्रताप दास, कुर्मी समाज के राम कुमार वर्मा आदि ने भी कबीर साहब के वाणी वचनो से मानव जीवन को सात्विक बनाने का संदेश दिया ।
युवा पार्षद एमआईसी सुरती कुलदीप के प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा समिति कोरबा, सद्गुरु कबीर क्रिकेट समिति, मानिकपुरी पनिका समाज, चंद्रा समाज, गभेल समाज, मुस्लिम समाज के सदस्यगणों ने अमूल्य सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति कुलदीप ने किया ।

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